ट्रक आपरेटर्स अड़े, करोड़ों गर्क

By: Jul 22nd, 2018 12:04 am

दूसरे दिन भी जारी रही हड़ताल, सब्जियां-रोजमर्रा की चीजें होंगी महंगी

नई दिल्ली — सरकार के साथ गुरुवार देर रात तक जारी ट्रांसपोर्टरों की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद ट्रक ऑपरेटर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। शनिवार को भी ट्रकों की हड़ताल जारी रही। पहले दिन तो हड़ताल का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला, लेकिन यह हड़ताल ज्यादा दिन तक चलती है तो इसका असर सब्जियों और रोजमर्रा की चीजों पर पड़ेगा। हड़ताल से रोजमर्रा की चीजों की सप्लाई प्रभावित होगी, जिससे ये चीजें महंगी होंगी। एक अनुमान के मुताबिक हड़ताल से रोजाना दो हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इसके अलावा ट्रक सड़कों पर ही खड़े हैं, जिसकी वजह से जगह-जगह जाम लगा हुआ। इससे आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बता दें, डीजल की कीमतों और टोल फीस में कमी की मांग को लेकर ट्रक और बस ऑपरेटर्स संगठन आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के नेतृत्व में ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले दिन कुछ जगहों को छोड़कर बाकी स्थानों पर हड़ताल का ज्यादा असर नहीं दिखाई दिया, क्योंकि ट्रांसपोर्टरों को इस मामले में जल्द ही कुछ समाधान निकलने की उम्मीद है। एआईएमटीसी के महासचिव नवीन गुप्ता ने बताया कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल के साथ गुरुवार रात एक बजकर 30 मिनट तक चर्चा जारी रही, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने के कारण शुक्रवार सुबह हड़ताल पर जाने का फैसला किया गया। श्री गुप्ता ने कहा कि हम कुछ ठोस समाधान निकलने की उम्मीद कर रहे हैं।

कुछ ऐसी हैं ट्रांसपोर्ट्स की मांगें

डीजल कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, क्योंकि इसके दाम रोजाना बदलने से भाड़ा तय करने में परेशानी होती है। टोल सिस्टम को भी बदला जाए, क्योंकि टोल प्लाजा पर इर्धन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपए की चपत लगती है। थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की छूट मिले और एजेंट्स को मिलने वाला अतिरिक्त कमीशन खत्म किया जाए। आयकर कानून की धारा 44-एई में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत लगने वाले टीडीएस को बंद किया जाए और ई-वे बिल में संशोधन हो।


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