थोक महंगाई साढ़े चार साल के उच्चतम स्तर पर

By: Jul 17th, 2018 12:07 am

मई के मुकाबले जून में सब्जियां तीन गुना से भी ज्यादा महंगी, पेट्रोल-डीजल को भी लगी आग

नई दिल्ली — पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के साथ ही धातुओं तथा सब्जियों की कीमतों में बड़ी तेजी के कारण इस साल जून में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर लगातार तीसरे महीने बड़ी छलांग लगाते हुए साढ़े चार साल के उच्चतम स्तर 5.77 प्रतिशत पर पहुंच गई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल मई में थोक महंगाई दर 4.43 प्रतिशत रही थी। पिछले साल जून में यह 0.90 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इस साल मार्च में 2.74 प्रतिशत रहने वाली थोक महंगाई तीन महीने में तीन प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुकी है। थोक महंगाई दर का इससे पिछला उच्च स्तर दिसंबर 2013 में रहा था, जब यह 5.88 प्रतिशत पर रही थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया गया है कि पिछले साल जून की तुलना में इस साल जून में ईंधन वर्ग के उत्पाद 16.18 प्रतिशत महंगे हुए। इनमें डीजल के दाम 21.63 प्रतिशत, रसोई गैस के 17.45 प्रतिशत और पेट्रोल के 17.45 प्रतिशत बढ़े हैं। थोक महंगाई बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान इसी वर्ग का रहा। इससे पहले 12 जुलाई को जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई दर भी लगातार तीसरे महीने बढ़ती हुई जून में पांच प्रतिशत पर पहुंच गई जो जनवरी 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है। चुनावी साल में महंगाई का लगातार बढ़ना सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है। इससे रिजर्व बैंक के अगस्त में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की संभावना बनी है। जून की बैठक में भी उसने नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की थी। खाद्य पदार्थों में एक साल पहले की तुलना में आलू 99.02 प्रतिशत महंगा हुआ है। प्याज के दाम 18.25 प्रतिशत और सब्जियों के 8.12 प्रतिशत बढ़े हैं। हालांकि, दालों की महंगाई दर 20.23 प्रतिशत और अंडे, मांस और मछली की 0.07 प्रतिशत ऋणात्मक रहने से खाद्य पदार्थों की महंगाई दर मात्र 1.80 प्रतिशत रही। इसके बावजूद यह इस साल जनवरी के बाद का इसका उच्चतम स्तर है। मई में यह 1.60 प्रतिशत रही थी। अन्य खाद्य पदार्थों में गेहूं 5.14 प्रतिशत, धान 3.71 प्रतिशत, मोटे अनाज 2.59 प्रतिशत, फल 3.87 प्रतिशत और दूध 2.37 प्रतिशत महंगा हुआ है। तिलहनों के दाम 8.80 प्रतिशत और खनिजों के 18.61 प्रतिशत बढ़े हैं। थोक महंगाई सूचकांक में 64 प्रतिशत से ज्यादा भारांश रखने वाले विनिर्मित उत्पादों के समूह में बेसिक धातुओं से बने उत्पाद 17.34 प्रतिशत, माइल्ड स्टील 12.40 प्रतिशत, तेल एवं वसा उत्पाद 13.69 प्रतिशत और रसायन तथा रसायनिक उत्पाद 5.83 प्रतिशत महंगे हुए हैं। वहीं, जून 2017 के मुकाबले चीनी की थोक कीमत में 13.37 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

बढ़ेंगी ब्याज दरें

चुनावी साल में महंगाई की मार सरकार पर भारी पड़ सकती है। महंगाई दर ऊंची रहने से रिजर्व बैंक अगस्त में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी कर सकता है। जून की बैठक में भी उसने नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की थी।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App