नाहन में रथ पर सवार होकर निकले भगवान जगन्नाथ

By: Jul 16th, 2018 12:08 am

नाहन – उड़ीसा के पुरी की तर्ज पर प्रदेश के एकमात्र भगवान श्री जगन्नाथ जी मंदिर नाहन में रविवार को ऐतिहासिक भगवान श्री जगन्नाथ रथ यात्रा में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भगवान श्री जगन्नाथ जी की 10वीं भव्य शोभायात्रा का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने पूजा-अर्चना के साथ किया। उन्होंने शहर के बड़ा चौक स्थित भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद हवन में पूर्णाहुति डालकर रथ यात्रा का शुभारंभ किया। बिंदल ने प्राचीन जगन्नाथ मंदिर से भगवान बलभद्र के विग्रह को सिर पर उठाकर पालकी में रखकर  शोभा यात्रा का शुभारंभ किया। इस शोभा यात्रा में भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा के विग्रह का आशीर्वाद पाने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा और भजन-कीर्तन से वातावरण भक्तिमय हो गया और लोग भगवान श्री जगन्नाथ के दर्शन और रथ का खींचने के लिए आतुर थे। जगन्नाथ रथ यात्रा जैसे ही विधिवत चौगान मैदान में तैयार किए गए रथ से शुरू हुई तो पूरा नाहन शहर मानों भगवान जगन्नाथ के जयकारों से गूंज उठा हो। श्रद्धालु रथ के रस्से को खींचने के लिए सुबह से ही बेताब थे। पारंपरिक वाद्य यंत्रों व बैंडबाजों के साथ-साथ डीजे की धुनों पर भगवान श्री जगन्नाथ जी के श्रद्धालु ऐसे झूम रहे थे मानों पूरे नाहन की सड़कें उनके साथ मस्ती में झूम रही हो। आसमान बादलों से ढका हुआ था तथा बीच में सूर्य की तेज किरणें भी श्रद्धालुओं पर कोई असर नहीं डाल रही थी, अपितु श्रद्धालुओं का उत्साह हर पल बढ़ता जा रहा था। भगवान श्री जगन्नाथ, श्री बलभद्र व बहन सुभद्रा की मूर्तियां रथ पर सवार होकर शहर भर को भाव विभोर कर रही थी। रथयात्रा से पूर्व जगन्नाथ मंदिर में श्री विग्रहों की पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद भगवार जगन्नाथ जी का परिवार पालकी में सवार होकर ऐतिहासिक चौगान मैदान में पहुंचा, जहां पर श्री जगन्नाथ, श्री बलभद्र व सुभद्रा की प्रतिमा के लिए रथ को आकर्षक रूप से सजाया गया था। भगवान पालकी में सवार होकर चौगान मैदान की ओर दिल्ली गेट, महिमा लाइब्रेरी व नया बाजार होते हुए चौगान मैदान पहुंचे। चौगान मैदान में पालकियों के पहुंचते ही हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने पालकियों का जोरदार जयकारों के साथ पालकियों का स्वागत किया। तत्त्पश्चात पूरी पूजा-अर्चना व विधि विधान के साथ भगवान श्री जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बलभद्र को बारी-बारी से विशाल रथ में रखा गया। उसके पश्चात हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ श्रद्धालुआें ने रथ को खींचने के लिए बनाए गए रस्से को आहिस्ता-आहिस्ता खींचना प्रारंभ किया। जैसे ही रथ के पहिए चौगान मैदान से चलने आरंभ हुए तो पूरा शहर श्री कृष्णा श्री कृष्णा के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालु रस्सी को खींचने के लिए व्याकुल थे। रथयात्रा चौहान मैदान से होते हुए मालरोड, गुन्नूघाट, रानीताल, कच्चा टैंक पहुंची। लगातार श्रद्धालु बैंडबाजों व पहाड़ी धुनों के साथ शहर की सड़कों पर भक्ति रस में थिरक रहे थे। भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा में गौडि़य मठ चंडीगढ़, ऋषिकेश देहरादून और वृंदावन से आए अनुयायियों ने भी भाग लिया।

400 वर्ष पुराना है जगन्नाथ का मंदिर

भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा को रवाना करने से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा. बिंदल ने कहा कि नाहन ही नहीं बल्कि प्रदेश का एकमात्र भगवान श्री जगन्नाथ जी मंदिर करीब 400 वर्ष पुराना है जिसकी स्थापना महान संत बनवारी दास द्वारा की गई थी। इस प्राचीन मंदिर में पिछले 10 सालों से जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर जो रथ यात्रा शुरू की गई है उससे लोगों की अगाद आस्था व श्रद्धा जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि नाहन शहर प्रदेश का एक ऐतिहासिक धरोहर शहर है तथा यहां की प्राचीन धरोहर व तालाब यहां की संस्कृति के परिचायक हैं।

भक्तों को स्टाल पर पिलाया जल जीरा

रथ यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए शहर की सड़कों पर श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर स्टाल लगाए हुए थे। हलवा, फू्रट, कोल्ड ड्रिंक्स, जूस, कुल्फी, बिस्किट, लड्डू, जल जीरा व विभिन्न प्रकार के खाद्य व पेय पदार्थों से पूरा मालरोड स्टाल के माध्यम से सजा हुआ था। श्रद्धालुओं को दिल खोलकर प्रसाद का वितरण किया जा रहा था। हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई समाज का कोई भी वर्ग भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा में सेवा भाव से पीछे नहीं रह रहा था।


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