पर्यटन प्रबंधन संजीदगी वाला करियर

By: Jul 18th, 2018 12:20 am

ट्रैवल कंपनियां यात्रियों को यात्रा से पहले उस देश के नियम-कानूनों से भी अवगत कराती हैं, जिस देश की वे यात्रा करना चाहते हैं। जरूरी कागजात के अलावा कार्गो, टिकटिंग तथा पासपोर्ट संबंधी जानकारी भी ट्रैवल कंपनियां मुहैया कराती हैं। भले ही अन्य देशों की बनिस्पत हमारे देश में टै्रवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री की रफ्तार अभी धीमी है, फिर भी धीरे-धीरे इसका विस्तार हो रहा है…

ट्रैवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री में सारा कारोबार सेवाएं प्रदान करने का होता है,जो घर से दूर रहने वालों, चाहे बिजनेस के लिए या छुट्टियां मनाने वाले हों के लिए होती हैं। लोग मौजमस्ती के लिए यात्रा करते हैं, तीर्थयात्रा करते हैं, एडवेंचर ट्रैवल करते हैं।

ट्रैवल एजेंट इन सभी की जरूरतों का आकलन करते हैं तथा जितना बेहतर हो सके, सेवाएं प्रदान करने की कोशिश करते हैं। टूरिस्ट को कैसे, कब तथा कहां ठहरना है, कितने दिन ठहरना है, पैकेज क्या होगा, यह एक ट्रैवल एजेंट तय करता है।

ट्रैवल कंपनियां यात्रियों को यात्रा से पहले उस देश के नियम-कानूनों से भी अवगत कराती हैं, जिस देश की वे यात्रा करना चाहते हैं। जरूरी कागजात के अलावा कार्गो, टिकटिंग तथा पासपोर्ट संबंधी जानकारी भी ट्रैवल कंपनियां मुहैया कराती हैं। भले ही अन्य देशों की बनिस्पत हमारे देश में ट्रैवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री की रफ्तार अभी धीमी है, फिर भी धीरे-धीरे इसका विस्तार हो रहा है।

जाहिर है, जब इतने लोग ट्रैवल करते हैं, चाहे किसी भी मकसद से करें, तो उन्हें संबंधित और जरूरी सेवाएं भी चाहिएं। इसके लिए इस इंडस्ट्री से जुड़े हर पहलू को लेकर पढ़ाई और प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है। पर्यटन क्षेत्र का विस्तार दिन-प्रतिदिन होता जा रहा है, इसलिए सेवाएं देने के लिए भी अधिक से अधिक लोग चाहिए। हर साल दुनिया के करोड़ों लोग दुनिया के कई हिस्सों में घूमने जाते हैं।

हिंदी, अंग्रेजी के अलावा विदेशी भाषाओं का ज्ञान जरूरी

डा. नितिन व्यास शिक्षक,  पर्यटन विभाग, एचपीयू शिमला

टूरिज्म मैनेजमेंट में करियर की संभावनाओं को लेकर एचपीयू पर्यटन विभाग के शिक्षक डा. नितिन व्यास से हुई बातचीत के कुछ अंश…

टूरिज्म मैनेजमेंट में करियर की संभावनाएं क्या हैं?

हिमाचल में टूरिज्म मैनेजमेंट में करियर की अपार संभावनाएं हैं। थ्री स्टार, फोर , फाइव  व सेवन स्टार होटलों से लेकर क्विक प्रोसेसिंग आफिस, क्यूएसआर बैक प्रोसेसिंग आफिस, कारपोरेट एयरलाइंस, क्र्रूजलाइंस आदि अनेक क्षेत्र हैं, जिनमें ये संभावनाएं दिनोंदिन फलीभूत भी हो रही हैं।  छात्र एमटीटीएम कोर्स करने के बाद नेट सेट की परीक्षा उत्तीर्ण कर पीएचडी इस कोर्स में कर सकते हैं।

इस फील्ड में कार्य करने के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए?

इस फील्ड में करियर बनाने के लिए अगर छात्र बैचुलर कोर्स में प्रवेश लेना चाहता है, तो इसके लिए जमा दो की कक्षा पास होना जरूरी है। मास्टर डिग्री के लिए किसी भी संकाय में ग्रेजुएशन की डिग्री छात्र के पास 55 फीसदी अंकों के साथ होना अनिवार्य है।

इस फील्ड  में ग्लोबलाइजेशन के क्या-क्या प्रभाव पड़ रहे हैं?

जहां तक हिमाचल की बात की जाए तो इस व्यवसाय में ग्लोबलाइजेशन का कोई अधिक प्रभाव नहीं हुआ है। एचपीयू से ही निकले छात्र इस फील्ड में वर्तमान समय में बेहतर कार्य कर रहे हैं।

इस विषय से जुड़े प्रमुख शिक्षण संस्थान कहां-कहां हैं?

इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ  टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट नई दिल्ली, इंस्टीच्यूट ऑफ  टूरिज्म एंड फ्यूचर मैनेजमेंट चंडीगढ़,  लखनऊ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश, जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर, देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर, भारतीय विद्या भवन दिल्ली व बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी शामिल है।

इस फील्ड में आने के लिए क्या गुण होना जरूरी है?    

इस फील्ड में आने वाले छात्रों में अंग्रेजी, हिंदी के साथ विदेशी भाषाओं पर पकड़ होने के साथ ही संस्कृति एवं रीति-रिवाजों से जुड़ाव और क्राइसिस मैनेजमेंट का ज्ञान, एडवेंचरस नेचर, इतिहास की जानकारी और बढि़या इंटर पर्सनल स्किल होना जरूरी है।

हिमाचल में टूरिज्म मैनेजमेंट में इस करियर के क्या स्कोप हैं?

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की केरल और राजस्थान से बेहतर संभावनाएं हैं। होटल इंडस्ट्री व हास्पिटेलिटी में विकास की अभी बहुत क्षमता है, इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश सर्वाधिक संभावना भरा प्रदेश है।

इस फील्ड में किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

दस साल पहले की बात की जाए तो इस फील्ड में काफी चुनौतियां थीं, लेकिन आज के दौर में ये चुनौतियां कम या फिर न के बराबर हो गई हैं। एचपीयू के ही एमटीए विभाग से पासआउट होकर निकले छात्र इस समय हिमाचल की बेस्ट ट्रैवल एजेंसियां चला रहे हैं।

इस फील्ड में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले युवाओं को कोई प्रेरणा संदेश।

टूरिज्म आज के समय में सबसे बड़ी इंडस्ट्री बनकर उभरा है। सरकार ने इस बार 1900 करोड़ का बजट पर्यटन के लिए रखा है। ऐसे में अधिक से अधिक छात्रों को इस फील्ड में करियर बनाने के लिए आगे आना चाहिए।

-भावना शर्मा, शिमला

कैसे आ सकते हैं इस फील्ड में

अगर आप भी घूमने और घूमाने के शौकिन हं,ै तो आपके लिए यह एक बेहतरीन करियर ऑप्शन हो सकता है। इस फील्ड में आने के लिए आपकी किसी भी फॉरेन लैंग्वेज या फिर अंग्रेजी भाषा पर कमांड होना जरूरी है। साथ ही आपकी कम्यूनिकेशन स्किल भी अच्छी होनी चाहिए। जल्दी से अनजान लोगों के बीच घूल-मिल जाना और उनसे दोस्ती कर लेना आपके नेचर में शामिल होना जरूरी है। साथ ही आपको ट्रैवल और जियोग्राफ ी पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। इतिहास, कल्चर, आर्किटेक्चर आदि का नॉलेज होना भी जरूरी है।

जॉब प्रोफाइल

जो लोग ट्रैवल और टूरिज्म में काम करते हैं, उन लोगों को ट्रैवल से संबंधित कई काम करने होते हैं जैसे, ट्रैवल प्लानर, टूअर प्लानर, गाइड, जैसे काम के साथ ही आपको क्लाइंट जिस जगह पर घूमने जा रहा है, वहां का मौसम कैसा है, वहां रुकने के लिए क्या इंतजाम रहेगा, वहां पर घूमने के कौन-कौन से स्पॉट हैं, टिकट बुकिंग, होटल बुकिंग और टैक्सी बुकिंग जैसे काम करने होते हैं।

कौन-कौन से कोर्स कर सकते हैं

अगर आप ट्रैवल और टूरिज्म में करियर बनाना चाहते हैं, तो आप 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद कोई भी कोर्स कर सकते है। 12वीं के बाद इस फील्ड में तीन साल की डिग्री कर सकते हं जैसे बीए, बीबीए, बीएचटीएम, बीएससी आदि कर सकते हैं। वहीं ग्रेजुएशन के बाद टूरिज्म में एमए, एमबीए आदि के प्रोग्राम किए जा सकते हैं। इसके अलावा इस फील्ड में 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स और एक साल का पीजी डिप्लोमा भी किया जा सकता है।

यहां से कर सकते हैं कोर्स

 इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

 इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ  टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, नई दिल्ली

 जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू

 कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र

 हिमाचल विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश

 गार्डन सिटी कालेज, बंगलूरू

 इंस्टीच्यूट ऑफ  लॉजिस्टिक्स एंड एविएशन मैनेजमेंट, मुंबई

 एकेडमी ऑफ  बिजनेस मैनेजमेंट, टूरिज्म एंड रिसर्च, बंगलूरू

कोर्स करने के बाद यहां मिलेगी नौकरी

प्रोफेशनल कोर्स करने के बाद आप ट्रेवल एजेंसी या ट्रेवल कंपनी में इंटर्नशिप करके एक्सपीरियंस गेन कर सकते हैं। आजकल कई ट्रेवल कंपनियां जैसे मेक माय ट्रिप, आईबीबो डॉट कॉम, यात्रा डॉट कॉम आ गई है आप इनमें से किसी एक में ट्रेनिंग ले सकते है। हालांकि शुरुआत में आपको ज्यादा पैसे नहीं मिलते है,लेकिन थोड़े एक्सपीरियंस के बाद आपको इन्ही कंपनियों में रिक्रूट कर लिया जाता है। इस फील्ड में कुछ सालों के एक्सपीरियंस के बाद आप खुद की ट्रेवल एजेंसी भी शुरू कर सकते है।

इतनी सैलरी मिल सकती है

इस फील्ड में प्रोफेशनल कोर्स करने के बाद शुरुआती तौर पर आप 15 से 20 हजार रूपए महीने तक कमा सकते है। इसके बाद थोड़ा एक्सपीरियंस बढ़ने, जियोग्राफी की समझ, फॉरेन लैंग्वेज पर कमांड के बाद आप 30 से 35 हजार रूपए महीना आसानी से कमा सकते है।

पार्ट टाईम भी कर सकते है काम

ऐसे लोग जो कई जगहों पर अच्छे से घूमे-फिरे है और उनको डेस्टिनेशंस की अच्छी नॉलेज है और साथ ही बेहतरीन कम्यूनिकेशन स्किल है वो लोग इस फील्ड में पार्ट टाईम के रूप में काम करके अच्छा पैसा कमा सकते है।


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