पांच साल हो ओबीसी सर्टिफिकेट की मान्यता
धर्मशाला – ओबीसी सर्टिफिकेट की मान्यता को पांच वर्ष किए जाने की मांग ओबीसी विकास परिषद ने उठाई है। परिषद अपनी इस मांग को लेकर जल्द ही प्रदेश सरकार के मंत्री-विधायकों से मिलेगा। रविवार को जिला मुख्यालय धर्मशाला के समीपवर्ती फतेहपुर में आयोजित हुई ओबीसी विकास परिषद की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया है। बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष राकेश चौधरी ने की। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में ओबीसी सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल है। कई बार दस से ज्यादा दिन ओबीसी सर्टिफिकेट बनाने में लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि जटिल प्रक्रिया के बाद सर्टिफिकेट बनाया जाता है, लेकिन एक साल के बाद इस सर्टिफिकेट की मान्यता को रद्द कर दिया जाता है। ऐसे में इस सर्टिफिकेट को बनाने में दोबारा इन्हीं सारी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इससे जहां समय की बर्बादी होती है, वहीं आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। जिसके चलते ओबीसी विकास परिषद द्वारा ओबीसी सर्टिफिकेट की मान्यता अवधि को पांच साल किए जाने की मांग को उठा रही है। साथ ही परिषद द्वारा इस सर्टिफिकेट को बनाने की प्रक्रिया को भी सरल किए जाने की मांग की जा रही है। रविवार को आयोजित हुई परिषद की बैठक में निर्णय लिया कि इस मुद्दे को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश सरकार के विभिन्न विधायकों और मंत्रियों से मिलेगा। इस समस्या को प्रदेश सरकार के ध्यान में लाया जाएगा। बैठक में सदस्यों ने तर्क दिया कि जब पे-कमीशन ही 10 साल में एक बार बैठता है, तो एक साल में ओबीसी कैसे इतना अमीर हो जाता होगा कि उसे दोबारा यह सर्टिफिकेट बनवाया जाता है। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश के लोगों की दिक्कत को समझते हुए इस सर्टिफिकेट की अवधि पांच साल की जाए। बैठक में बीडीसी सदस्य राजेश कुमार, कंदरेहड़ उपप्रधान नरेश, ढगवार से संजीव, रवि राज, सतीश, राज, कमला नाग, देवराज जंवाल और जिला परिषद सदस्य अनिल कुमार उपस्थित रहे।
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