भाजपा की चार्जशीट पर छह दिन का अल्टीमेटम

By: Jul 13th, 2018 12:02 am

विभागीय सचिवों को 17 जुलाई तक अपनी टिप्पणी के साथ कार्रवाई के आदेश

शिमला— छह महीने से भाजपा की कांग्रेस के खिलाफ चार्जशीट पर कुंडली मारकर बैठे विभागों को छह दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। सभी विभागीय सचिवों को 17 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। मीटिंग में बड़ा फैसला लिया गया है कि अब चार्जशीट की फाइल अप्रूवल के लिए संबंधित मंत्रियों को भेजने से पहले विभाग अपनी टिप्पणी देंगे। इसके बाद मसौदा गृह विभाग को भेजा जाएगा। इस आधार पर जिन मामलों में आपराधिक मानसिकता प्रमाणित होगी, वही फाइलें अंतिम मंजूरी के लिए संबंधित विभागों के मंत्रियों को भेजी जाएंगी। इस मसले पर गुरुवार को मुख्य सचिव विनीत चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में चार्जशीट पर गहन चर्चा हुई है। चार्जशीट के मामले में मौन धारण करने वाले 11 विभागों को फटकार भी लगाई गई है। इसमें आदेश पारित किए गए हैं कि चार्जशीट की फाइल पर संबंधित विभागों के सचिव अपनी टिप्पणी देंगे। इस आधार पर फाईल अंतिम कार्रवाई के लिए गृह विभाग को भेजी जाएगी। सभी सचिवों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि आरोप पत्र मामले में फाइल दबाने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। विभागीय सचिव अपनी टिप्पणी के साथ यह स्पष्ट करें कि किन आरोपों पर कार्रवाई की आवश्यकता है। बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि जिन मामलों में कार्रवाई नहीं बनती है, उन पर विभागीय सचिव अपनी टिप्पणी के साथ फाइल गृह विभाग को भेजें। बताते चलें कि भाजपा की कांग्रेस के खिलाफ के पेश की गई चार्जशीट में कुल 21 विभागों के मामले शामिल हैं। इनमें अभी तक 10 विभागों ने ही अपनी स्थिति स्पष्ट की है। इस कारण 11 विभागों को कड़े निर्देश जारी करते हुए तुरंत प्रभाव से कार्रवाई में जुटने को कहा है। इसके चलते भाजपा की चार्जशीट पर 17 जुलाई से पहले रिपोर्ट गृह विभाग को भेजनी होगी। सूचना के अनुसार कांग्रेस के खिलाफ दायर की गई भाजपा की चार्जशीट में कुछ एक आरोप हवा-हवाई हैं। इसी कारण विभागीय अधिकारी इन पर कार्रवाई से परहेज कर रहे थे। इसी कारण सत्तारूढ़ भाजपा की चार्जशीट छह माह से लालफीताशाही का शिकार है।

कांग्रेस के खिलाफ ये हैं आरोप

 लाहुल के म्याड़ हाइड्रो प्रोजेक्ट का मामला

 ब्रेकल कारपोरेशन पर 1800 करोड़ का जुर्माना माफ करना

 लोक निर्माण विभाग में टेंडर घोटाला

 शिक्षा विभाग में फर्नीचर व अन्य खरीद में धांधली

 आईपीएच पाइप खरीद और टैंक सफाई की आड़ में अनियमितताएं

 शिमला में सौंदर्यीकरण के नाम पर घपलेबाजी

 आईजीएमसी व टांडा में टेस्ट का काम निजी कंपनी को देना

 आईजीएमसी में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई में अनियमितताएं

 परिहवन निगम द्वारा बसों के खरीद में घोटाला

 परिवहन निगम में टायर घोटाला

 वैटलीज पर अपने चहेतों से वोल्वो और अन्य बसों की सेवा लेना

 एचआरटीसी का निजी पेट्रोल पंपों को फायदा पहुंचाना

 खाद्य आपूर्ति निगम के तहत दालों और चीनी महंगे दाम पर खरीदना

 बस अड्डों के निर्माण में अनियमितताएं

 पशुपालन विभाग में ब्लैक लिस्ट कंपनियों से दवाओं की खरीद

 स्कूल वर्दी खरीद में घोटाला

 कृषि विभाग में नकली बीज आबंटन घोटाला

 हिमाचल प्रदेश विपणन बोर्ड में भ्रष्टाचार

 वन विभाग में वन माफिया को संरक्षण व अनियमितताएं

 मत्स्य विभाग में तालाब बनाने में घोटाला

 हिमाचल में बिवरेज कारपोरेशन बनाकर शराब आबंटन में घोटाला

 हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में भर्तियों में घोटाला

 केसीसी बैंक में अनियमतिताएं


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