भीड़तंत्र नहीं होगा बर्दाश्त

By: Jul 18th, 2018 12:10 am

सुप्रीम कोर्ट के आदेश, गोरक्षा के नाम पर हिंसा के खिलाफ कानून बनाए संसद

नई दिल्ली— सुप्रीम कोर्ट ने गोरक्षा के नाम पर देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई हत्याओं पर मंगलवार को गाइडलाइंस जारी की है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकती है। शीर्ष अदालत ने संसद से इस मामले में कानून बनाने और सरकारों को संविधान के अनुसार काम करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी अपने आप में कानून नहीं हो सकता है। शांति स्थापित करना सरकार का दायित्व है। अदालत ने साथ ही कहा कि सरकार पीडि़तों को मुआवजा दे। शीर्ष अदालत ने कहा कि चार हफ्तों में केंद्र और राज्य सरकार अदालत के आदेश को लागू करें। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई अगस्त में करेगा। सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस बारे में गाइडलाइंस जारी की। कोर्ट ने साफ कहा कि  भीड़ द्वारा हत्याएं हरगिज बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। इससे पहले गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर अंकुश लगाने के न्यायिक आदेश पर अमल नहीं करने के कारण राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिए याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इन सरकारों से जवाब मांगा था। महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने यह अवमानना याचिका दायर की थी।


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