मंदिरों के चढ़ावे से गो संरक्षण

By: Jul 11th, 2018 12:10 am

राजगढ़ —प्रदेश में मंदिरों के चढ़ावे में से 15 प्रतिशत राशि का उपयोग काऊ सेंक्चुरी में गो संरक्षण के लिए किया जाएगा। प्रदेश में बहुत से ऐसे मंदिर हैं जहां करोड़ों की आय है और इसके कुछ हिस्से का उपयोग गो संरक्षण के लिए किया जाएगा। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में प्रदेश की सबसे बड़ी और पहली काऊ सेंक्चुरी की आधारशिला रखने और भूमि पूजन के बाद राजगढ़ में आयोजित जनसभा में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गो संरक्षण के लिए प्रदेश के हर जिला में काऊ सेंक्चुरीज बनाने का निर्णय लिया है और मंदिरों के साथ प्रदेश में बिकने वाली हर बोतल से भी एक रुपए इन सेंक्चुरीज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि   जिला सिरमौर में बनने वाली पहली काऊ सेंक्चुरी के लिए 1.50 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है और 109 बीघा जमीन में बनने वाली इस काऊ सेंक्चुरी में 500 से अधिक पशुओं को रखने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जिला की इस काऊ सेंक्चुरी का निर्माण हिमाचल प्रदेश सरकार, गोरक्षा बोर्ड व त्रिलोकपुर मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से किया जाएगा। साथ ही पशुपालन विभाग की देखरेख में एनजीओ इसका संचालन करेगी। यह बहती गिरि नदी में पशु पानी पी सकेंगे और साथ ही पानी के टैंकों का निर्माण भी किया जाएगा। 109 बीघा में चार दिवारी में सोलर फेंसिंग करने का प्रावधान है। इस काऊ सेंक्चुरी में अपंग, बुजुर्ग पशुओं को रखा जाएगा। साथ ही एक बड़ा प्रजनन केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस काऊ सेंक्चुरी के निर्माण के लिए दो वर्षों का समय निर्धारित किया है। जंगली जानवरों से पशुओं की रक्षा के लिए चारों तरफ सोलर फेंसिंग भी की जाएगी। इस अवसर पर पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर, सहकारिता मंत्री राजीव सहजल, विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल, वन मंत्री गोविंद ठाकुर, पच्छाद विधायक सुरेश कश्यप, प्रदेश महामंत्री चंद्रमोहन ठाकुर, बलदेव भंडारी, बलदेव तोमर आदि भी मौजूद रहे।


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