महिलाओं के लिए भी खुलेंगे सबरीमाला मंदिर के दरवाजे
नई दिल्ली— देश की सर्वोच्च अदालत की संवैधानिक पीठ ने केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक का विरोध किया है। पीठ का कहना है कि मंदिर एक पब्लिक प्लेस है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि देश में प्राइवेट मंदिर का कोई सिद्धांत नहीं है। मंदिर कोई प्राइवेट संपत्ति नहीं है, यह पब्लिक प्लेस है। ऐसी सार्वजनिक जगह पर यदि पुरुष जा सकते हैं तो महिलाओं को भी प्रवेश की इजाजत मिलनी चाहिए। सीजेआई ने कहा कि मंदिर खुलता है तो उसमें कोई भी जा सकता है। किस आधार पर किसी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हैं। यह संविधान की भावना के खिलाफ है। वहीं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत सब नागरिक किसी भी धर्म की प्रैक्टिस या प्रसार करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसका मतलब है कि एक महिला के नाते आपका प्रार्थना करने का अधिकार किसी विधान के अधीन नहीं है, यह आपका संवैधानिक अधिकार है।
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