महिला आरक्षण विधेयक लाएं मोदी, कांग्रेस साथ

By: Jul 17th, 2018 12:08 am

नई दिल्ली — कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इसी सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग की है और कहा है कि कांग्रेस इसके लिए उन्हें बिना शर्त समर्थन देने को तैयार है। श्री गांधी ने प्रधानमंत्री को इस संबंध में सोमवार को लिखा पत्र ट््वीटर पर पोस्ट कर कहा कि हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह महिलाओं के सशक्तिकरण के पुरोधा हैं। समय आ गया है कि वह राजनीति से ऊपर उठकर कथनी को करनी में बदलें और संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराएं। कांग्रेस उन्हें बिना शर्त समर्थन देगी। उन्होंने लिखा है कि राज्यसभा ने इस विधेयक को नौ मार्च, 2010 को पारित कर दिया था, लेकिन यह पिछले आठ वर्षों से किसी न किसी बहाने से लोकसभा में अटका पड़ा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री अपनी विभिन्न रैलियों में महिला सशक्तिकरण और महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में महत्त्व देने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं। अपनी प्रतिबद्धता प्रकट करने का उनके लिए इससे अच्छा मौका और क्या हो सकता है। लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी तथा उसके सहयोगी दलों का बहुमत है और यदि वह इसका समर्थन करते हैं तो यह विधेयक पारित होने से कोई नहीं रोक सकता। इस विधेयक को पारित कराने का मानसून सत्र सबसे उपयुक्त समय है और यदि यह इस समय पारित नहीं हो सका तो इसे अगले आम चुनाव से पहले आरक्षण की व्यवस्था को लागू नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक के बारे में जागरूकता पैदा करने तथा जन समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने 32 लाख लोगों के हस्ताक्षर कराए हैं। कांग्रेस ये हस्ताक्षर आपके पास भेज रही है और विधेयक को पारित कराने के लिए आप के समर्थन की अपेक्षा करती है, जिससे यह संसद में पास हो सके। उन्होंने कहा कि विधेयक के पारित होने से महिलाओं को आगामी लोकसभा में महत्त्वपूर्ण हिस्सेदारी का मौका मिलेगा। श्री गांधी ने लिखा है कि भाजपा ने राज्यसभा में इस विधेयक का समर्थन किया था और राज्यसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने उस समय कहा था कि यह ‘ऐतिहासिक और यादगार क्षण’ है। इसके बाद से कांग्रेस इस विधेयक के प्रति अपनी वचनबद्धता प्रकट करती रही है, लेकिन लगता है कि भाजपा अब कुछ और सोच रही है, जबकि 2014 के आम चुनाव के घोषणा पत्र में यह उसका एक प्रमुख वादा था। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस क्रांतिकारी विधेयक को लेकर संदेह व्यक्त करने वाले अपनी पार्टी के सदस्यों को आप पंचायत तथा निगम स्तर पर महिला प्रतिनिधियों की सफलता और योगदान का उदाहरण देकर बता सकते हैं कि वे समाज और राष्ट्र निर्माण में निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम हैं, इसीलिए यह विधेयक देश में शासन में बड़ा बदलाव ला सकता है।


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