मिड हिमालयन  फेज-दो पर ब्रेक

By: Jul 16th, 2018 12:10 am

विश्व बैंक ने परियोजना लागू करने में जताई असमर्थता

शिमला— हिमाचल में मिड हिमालयन प्रोजेक्ट फेज-दो फिलहाल नहीं चलेगा। विश्व बैंक ने इसको रोक दिया है। विश्व बैंक प्रदेश के दोअन्य प्रोजेक्टों को चला रहा है और ऐसे में तीसरे प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए तैयार नहीं दिख रहा। हालांकि इस पर अंतिम फैसला विश्व बैंक द्वारा बाद में किया जाएगा, जिसके लिए उसकी टीम हिमाचल आएगी। प्रदेश में मिड हिमालयन प्रोजेक्ट के दूसरे चरण को लागू करने को लेकर विश्व बैंक ने फिलहाल असमर्थता जताई है। जानकारों के अनुसार हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में विश्व बैंक ने इस प्रोजेक्ट को लागू करने को अनिच्छा जताई। विश्व बैंक के अधिकारियों का तर्क रहा है कि दो बड़े प्रोजेक्टों को हिमाचल में पहले ही लागू किया जा रहा है, तो ऐसे में अभी इसको शुरू नहीं किया जा सकता। हिमाचल में विश्व बैंक बागबानी के क्षेत्र में 1134 करोड़ के बागबानी विकास प्रोजेक्ट को चला रहा है। इसके अलावा विश्व बैंक ने हाल ही में मंजूर 700 करोड़ के वनों की समृद्धि प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी दे दी है। ऐसे में एक साथ तीसरा प्रोजेक्ट विश्व बैंक लागू नहीं करना चाह रहा है। हालांकि इससे पहले विश्व बैंक ने मिड हिमालय प्रोजेक्ट के चरण दो को लागू करने को लेकर सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। दरअसल राज्य सरकार दूसरे चरण को लागू करने के लिए पूरा प्रयास कर रही थी और सरकार की ओर से दूसरे चरण के लिए 700 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का प्रस्ताव बनाकर विश्व बैंक को भेजा गया था। मिड हिमालयन प्रोजेक्ट के तहत सिरमौर व लाहुल-स्पीति जिलों को छोड़कर अन्य 10 जिलों को कवर किया जाना था। बताया जा रहा है कि विश्व बैंक की टीम ने प्रदेश चल रहे मिड हिमालयन प्रोजेक्ट का भी जायजा लिया था। इस प्रोजेक्ट के तहत वाटरशैड बनाने, सिंचाई के टैंकों का निर्माण, पौधारोपण कर फोरेस्ट कवर बढ़ाने, पशुपालन को बढ़ावा देना, बेहतर व उन्नत किस्म के बीजों का वितरण कर ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने, बागबानी, कृषि व भूमि संरक्षण को बढ़ावा देने जैसे कार्य किए गए। विश्व बैंक ने साल 2005 में मिड हिमालयन प्रोजेक्ट मंजूर किया था। शुरुआती दौर में इस प्रोजेक्ट को 602 पंचायतों में चलाया गया था, लेकिन बाद में इसमें 108 और पंचायतों को शामिल किया गया। इस तरह इस प्रोजेक्ट को 710 पंचायतों में चलाया गया और इसके लिए दो चरणों में बजट भी जारी किया। इसके तहत पहले साल 2005 में 356 करोड़ जारी किए और प्रोजेक्ट को 2013 तक लागू किया गया। इसके बाद साल 2013 में विश्व बैंक ने इस प्रोजेक्ट को 2017 तक बढ़ाते हुए 235 करोड़ रुपए फिर मंजूर किए थे। वहीं मिड हिमालयन प्रोजेक्ट के दूसरे चरण को लागू करने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन फिलहाल इसको लेकर विश्व बैंक ने असमर्थता जताई है।


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