राजधानी में गूंजे भोले के जयकारे

By: Jul 17th, 2018 12:10 am

 शिमला —भगवान शिव के प्रिय माह सावन मास का आगाज हो गया है। संक्रांति के आरंभ होने के साथ ही सोमवार को सावन मास का आगाज हुआ, जो 13 अगस्त तक चलेगा। राजधानी शिमला सावन मास के पहले सोमवार को शिवालयों ूमें भीड़ उमड़ी। राजधानी भगवान शिव के रंग में रंगी नजर आई। शिव के भक्तों ने शिवालयों में पहुंच कर भगवान शिव की पूजा आराधना की। भोले की पूजा-आराधना और धर्म-कर्म के लिए सावन मास को बेहद ही पवित्र और शुभ फलदायी माना जाता है। इसी सावन मास की विशेष पूजा के लिए राजधानी शिमला के सभी शिवालयों में भक्त कतारों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में खड़े नजर आए। सुबह से ही शहर के प्रत्येक शिव मंदिर में भगवान शिव की पूजा-आराधना करने के लिए श्रद्धालु पहुंचे। शिमला के मिडल बाजार में प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों ने जहां भगवान शिव की स्तुति की तो वहीं शहर के लिफ्ट के समीप मंदिर में और अन्य शिवालयों मे भी भक्त भगवान शिव की महिमा का गुणगान करने के लिए पहुंचे। शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के साथ ही महामृत्युंज्य और शिव चालीसा का पाठ भी लोगों ने मंदिरों में किया। खास रूप से नवविवाहिताओं और कुंवारी कन्याओं ने मंदिरों में पहुंच कर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। ओम नमः शिवायः का जाप करते हुए श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के समक्ष शीश झुकाकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। सावन के इस मास को जहां धार्मिकता से जोड़ कर देखा जाता है, वहीं इसे हरियाली का सूचक भी माना जाता है। सावन मास में बरसात होने से आसपास का वातावरण हरियाली से भरने के साथ ही साफ-सुथरा हो जाता है। सावन के इस मास को शादी-विवाह, शुभ कार्य और धार्मिक अनुष्ठान के लिए हिंदू धर्म में विशेष रूप से जाना जाता है। इस मास के सभी सोमवार को भगवान शिव की पूजा-आराधना करने से भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसी के चलते पहले सोमवार से ही भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शहर के शिवालयों में पहुंचे और शिवलिंग पर जलाभिषेक कर फल-फूलों का भोग भगवान शिव को लगाया। प्रत्येक शिवालय में उत्सव जैसा माहौल नजर आया। सावन मास में झूला झूलना, खीर खाना और मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है। इस मास में सुहागिनें और कन्याएं हाथों में मेहंदी रचाने के साथ-साथ झूला झूलती हैं।

व्रत करना विशेष फलदायी

सावन मास में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के साथ ही प्रत्येक सोमवार व्रत करने का भी विधान है। इस व्रत को जहां सुहागिनें अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए करती हैं वहीं, कुंवारी युवतियां अच्छे वर की प्राप्ति की कामना से करती हैं।

इस तरह करें पूजा-अर्चना

सावन मास भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना का विशेष महत्त्व है। भगवान शिव की पिंडी स्वरूप पर जलाभिषेक करने के साथ ही फूल, दूध, दहीं, अक्षत, विभूति और बेल पत्र सहित भांग के पत्तों से भगवान शिव की पूजा-आराधना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति भक्तों को होती है।

शहर में जगह-जगह बंटी खीर

सावन मास का आगाज होते ही सोमवार को राजधानी शिमला में जगह-जगह श्रद्धालुओं ने खीर बना कर लोगों में प्रसाद के रूप में बांटी। शहर के बाजारों के साथ ही शिव मंदिरों में भी खीर बना कर मंदिर आने वाले भक्तों में बांटी गई।


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