लैंड डिवेलपमेंट का पैसा रिटेनिंग वाल पर खर्च
हमीरपुर —विकास खंड हमीरपुर की एक पंचायत को नियमों के खिलाफ लाभार्थी को लैंड डिवेलपमेंट के लिए लिमिट से अधिक लोन देना महंगा पड़ गया है। आरोप सिद्ध होने पर तत्कालीन बीडीओ, प्रधान, तकनीकी सहायक व लाभार्थी पर विभागीय गाज गिरी है। तीनों से एक लाख 20 हजार रुपए की रिकवरी के निर्देश जारी हुए हैं। मामला पिछली पंचायत के कार्यकाल का है, जब नियमों के विपरीत लोन मिलने के बाद लाभार्थी ने लैंड डिवेलमेंट पर पैसा खर्च करने के बजाय मकान के चारों तरफ रिटेनिंग बाल लगवा दी थी। अब इस पर अपीलेट अथारिटी मनरेगा ने कार्रवाई की है। कार्य के लिए जारी किए गए बजट में भारी अनियमितताएं पाए जाने पर बीडीओ, प्रधान व तकनीकी सहायक से बजट का 50 फीसदी वसूल करने के आदेश भी जारी किए गए हैं। जिला प्रशासन को इस बाबत तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। तीनों को 20-20 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है, जबकि लाभार्थी से 60 हजार रुपए की रिकवरी होगी। बता दें मामला 2011 से 2016 तक के पंचायत कार्यकाल का है। इस दौरान हमीरपुर खंड की एक पंचायत द्वारा व्यक्ति को लैंड डिवेलपमेंट के लिए गलत लोन पास कर दिया गया। लैंड डिवेलपमेंट के लिए एक लाख रुपए तक दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन एक लाख 20 हजार रुपए का लोन पास कर दिया। लाभार्थी ने पैसा लैंड डिवेलपमेंट पर खर्च न करके अपने मकान की रिटेनिंग बाल लगवा दी। गांव के लोगों ने जब इसका विरोध किया तो जांच का जिम्मा मनरेगा लोकपाल को सौंपा गया। जांच के बाद मनरेगा लोकपाल ने कार्य में भारी अनियमितताएं पाईं। उन्होंने इन लोगों के खिलाफ अपना फैसला सुनाया। अपने पक्ष में सभी ने मनरेगा में अपील कर दी। बता दें कि अपीलेट अथारिटी की टीम ने मनरेगा कार्य में धांधली के आरोपों के बाद निरीक्षण किया है। जांच में पाया गया कि खंड अधिकारी सहित पंचायत प्रतिनिधियों ने नियमों के खिलाफ व्यक्ति को लाभ पहुंचाया।
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