वास्तु के अनुसार घर का पानी कहां गिरे
घर के किसी भी तरफ सड़क हो, मकान निर्माण के कुछ सामान्य नियम अपनाकर मकान का वास्तु-शास्त्र के अनुसार निर्माण किया जा सकता है और इस प्रकार के निर्माण से लाभ उठाया जा सकता है । मकान निर्माण के कुछ
सामान्य नियमः
* घर के उत्तर और पूर्व में ज्यादा खाली जगह तथा दक्षिण और पश्चिम में कम खाली जगह छोड़ें।
* घर में कुआं या बोरिंग उत्तर-पूर्व में ही होनी चाहिए। जमीन के अंदर पानी की टंकी होने पर यह भी इस तरफ ही हो ।
* सेप्टिक टैंक सिर्फ उत्तर-पूर्व के ठीक बीच में ही हो । अन्य किसी दिशा में होने पर दुष्परिणाम होंगे ।
* पानी की टंकी जमीन के ऊपर होने पर यह उत्तर-पश्चिम में मकान के ऊपर ही रखें । मकान में सबसे ऊंचा निर्माण दक्षिण-पश्चिम में ही होना चहिए ।
* ढाल बरामदा रखने पर यह ईस्ट या नॉर्थ की तरफ ही हो किसी भी हालत में वेस्ट और साउथ में नहीं होना चहिए ।
* चबूतरा बनवाना हो तो यह सिर्फ साउथ और वेस्ट दिशाओं में ही हो, क्योंकि यह निर्माण मकान के फर्श से ऊंचा होगा ।
* चारदीवारी होने पर उसकी ऊंचाई ईस्ट और नॉर्थ में कम तथा वेस्ट और साउथ में ज्यादा हो ।
* मकान की दीवारें सदैव सीधी होनी चाहिएं ।
* घर में इस्तेमाल किया हुआ और बरसात का पानी नॉर्थ-ईस्ट से ही बाहर जाना चाहिए । ऐसा न हो सकने पर सारा पानी नाथ-ईस्ट में जमा करके फिर किसी भी दिशा ‘साउथ-वेस्ट को छोड़कर’ से बाहर निकाल सकते हैं ।
* ईस्ट और नॉर्थ की ओर बड़े पेड़, बड़ी इमारतें या पहाड़ नहीं होने चाहिएं, ये सिर्फ वेस्ट और साउथ में ही होने चाहिएं
* ईस्ट और नॉर्थ में सड़क होने पर यह मकान के नीचे तल में ही हो ।
* जगह के ईस्ट तथा नॉर्थ में तालाब व नाला आदि का होना शुभ है ।
* मकान की दीवारें हमेशा सीधी हों ।
* रसोई सदैव साउथ-ईस्ट में ही रखें ।
* घर का भारी सामान जैसे अलमारी, स्टोर रूम, सदैव साउथ-वेस्ट में ही रखने चाहिएं ।
* घर के नॉर्थ-ईस्ट में कम वजन व हल्का सामान रखें ।
* घर की छत पर दूसरी मंजिल बनाने पर वह सिर्फ साउथ और वेस्ट की तरफ ही बनाएं या पूरी छत पर निर्माण होना चाहिए।
* 18 घर व छत के फर्श का ढाल साउथ से नॉर्थ या वेस्ट से ईस्ट की तरफ हो तो निवासी सुखी रहेंगे।
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