श्रीगोपाल सहस्रनाम स्तोत्र

By: Jul 21st, 2018 12:10 am

-गतांक से आगे…

श्रीकर्ता विश्वभर्ता च नारायणनरो बली।

गणो गणपतिश्चैव दत्तात्रेयो महामुनिः।। 69।।

व्यासो नारायणो दिव्यो भव्यो भावुकधारकः।

श्वः श्रेयसं शिवं भद्रं भावुकं भविकं शुभम।। 70।।

शुभात्मकः शुभः शास्ता प्रशस्ता मेघनादहा।

ब्रह्मण्यदेवो दीनानामुद्धारकरणक्षमः।। 71।।

कृष्णः कमलपत्राक्षः कृष्णः कमललोचनः।

कृष्णः कामी सदा कृष्णः समस्तप्रियकारकः।। 72।।

नंदो नंदी महानंदी मादी मादनकः किली।

मिली हिली गिली गोली गोलो गोलालयी गुली।। 73।।

गुग्गुली मारकी शाखी वटः पिप्पलकः कृती।

लेक्षहा कालहर्ता च यशोदायश एव च।। 74।।

अच्युतः केशवो विष्णुर्हरिः सत्यो जनार्दनः।

हंसो नारायणो लीलो नीलो भक्तिपरायणः।। 75।।

जानकीवल्लभो रामो विरामो विघ्ननाशनः।

सहस्रांशुर्महाभानुर्वीरबाहुर्महोदधिः।। 76।।

समुद्रोह्यब्धिरकूपारः पारावारः सरित्पतिः।

गोकुलानंदकारी च प्रतिज्ञापरिपालकः।। 77।।

सदारामः कृपारामो महारामो धनुर्धरः।

पर्वतः पर्वताकारो गयो गेयो द्विजप्रियः।। 78।।


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