सात साल से संगड़ाह अस्पताल भवन अधूरा
संगड़ाह —पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अक्तूबर, 2011 में शिलान्यास किए जाने के पौने सात साल बाद भी संगड़ाह अस्पताल भवन का निर्माण कार्य आज तक पूरा नहीं हो सका है। संबंधित अधिकारियों व ठेकेदारों की लापरवाही से पौने छह करोड़ के इस भवन का निर्माण कार्य लंबित होने का सबसे ज्यादा खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है तथा मौजूदा अस्पताल भवन में पिछले महीने तक मौजूद मात्र 15 बिस्तर में से भी पांच को स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा हटाया जा चुका है। अस्पताल की पहली मंजिल के एक वार्ड को पिछले महीने बंद किए जाने के बाद से अब यहां महिला व पुरुष मरीजों को एक ही वार्ड में रखा जा रहा है तथा तीसरा वार्ड बंद होने के बाद से यहां दाखिल होने वाले मरीजों की संख्या प्रतिदिन औसतन 40 से घटकर दस से भी कम रह गई है। करीब 5.40 करोड़ के इस भवन का शिलान्यास 13 अक्तूबर, 2011 को तत्त्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा किया गया था तथा 11 अगस्त, 2016 को पूर्व सीपीएस लोक निर्माण विभाग विनय कुमार द्वारा दोबारा इस भवन का भूमिपूजन किया गया। इस भवन की डेढ़ साल की निर्माण अवधि समाप्त हो चुकी है तथा ठेकेदार पर मेहरबान विभाग के अधिकारियों के अनुसार उन्हें एक्सटेंशन दी जा रही है। 13 अक्तूबर, 2011 को शिलान्यास होने व जमीन तथा बजट उपलब्ध होने के बावजूद पहले पांच वर्ष तक इस भवन का निर्माण कार्य शुरू न होने के मुख्य कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव, संबंधित राजस्व अधिकारियों द्वारा अस्पताल की पांच बीघा भूमि के इंतकाल की प्रक्रिया लंबित रखा जाना व टैंडर न होना रहे। विभाग के अनुसार अब तक हालांकि उक्त भवन का करीब 70 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, मगर निर्धारित निर्माण अवधि समाप्त होने के बावजूद कछुआ चाल से बन रहे इस भवन का निर्माण पूरा होना शेष है। भवन का निर्माण कार्य लंबित रखने वाले ठेकेदार को हालांकि विभाग द्वारा नोटिस भी दिए जा चुके हैं, मगर भवन के री-टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने से संबंधित अधिकारी परहेज करते दिखाई दे रहे हैं। भवन न बनने से जहां संगड़ाह अस्पताल में एक-एक बिस्तर पर दो-दो मरीज का इलाज होना आम बात है, वहीं स्वास्थ्य विभाग को दवाइयों के स्टोर के लिए भी निजी भवन किराए पर लेने पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं पिछले आठ माह से अस्पताल की एक्स-रे मशीन खराब होने व इसकी मरम्मत की गुंजाइश कम होने के चलते विभाग के अधिकारी नया भवन तैयार होने पर ही नई मशीन लगाने की बात कह रहे हैं। एक्स-रे मशीन खराब होने के चलते स्थानीय लोगों को प्राइवेट लैब में एक्स-रे करवाने के लिए 250 रुपए देनेपड़ रहे हैं। खंड स्वास्थ्य अधिकारी संगड़ाह के अनुसार मौजूदा अस्पताल भवन में जगह के अभाव के चलते ज्यादा बैड की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता मुकेश कुमार व अधिशाषी अभियंता संगड़ाह केएल चौधरी के अनुसार अस्पताल भवन का करीब 70 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका हैं। उन्होंने कहा कि उक्त ठेकेदार को विभाग द्वारा दो नोटिस भी दिए जा चुके हैं तथा जल्द भवन तैयार न होने पर कार्रवाई की जा सकती है।
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