सोलर फेंसिंग से खेतों की रखवाली

By: Jul 16th, 2018 12:05 am

मंडी – हिमाचल प्रदेश में अधिकतर लोग गांवों में रहते हैं और उनकी आर्थिकी कृषि पर निर्भर है। किसानों की कड़ी मेहनत के बाद उनकी फसलों को जंगली जानवर तथा बेसहारा पशु काफी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उनका खेतीबाड़ी के प्रति रुझान घट रहा था। अब किसानों के लिए उम्मीद की किरण साबित हो रही है मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना, जिसमें 35 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान प्रदेश सरकार द्वारा बाड़बंदी के लिए किया गया है। मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत सौर ऊर्जा संचालित बाड़बंदी (सोलर फेंसिंग) का प्रावधान है। इसमें फेंसिंग वायर होती हैं और बीच में छोटे-छोटे स्प्रिंग लगे होते हैं। तार सोलर कंट्रोलिंग सिस्टम से जुड़ी होती है, जब कोई जानवर इसको छूता है अथवा तथा इसके अंदर घुसने की कोशिश करता है तो तारों और स्पिं्रग पर दवाब पड़ने की वजह से करंट लगता है तथा हूटर बज जाता है। करंट का झटका जानलेवा नहीं होता, क्योंकि यह केवल सौर डीसी पावर कम एम्पीयर पर काम करता है। मंडी जिला में भी किसानों द्वारा मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का लाभ उठाया जा रहा है तथा बेसहारा पशुओं, बंदरों तथा सूअरों की समस्या से निजात पाकर वे अपनी खेती का संरक्षण कर रहे हैं। दं्रग विधानसभा क्षेत्र के तहत पद्धर उपमंडल में योजना का लाभ उठाकर किसान अपनी खेती का संरक्षण कर रहे हैं। उपमंडल में अभी तक योजना के तहत 35 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 29 को स्वीकृति प्रदान हो चुकी है और इनमें से तीन पूर्ण रूप से तैयार हो चुके हैं तथा शेष का कार्य प्रगति पर है। पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान को कम करने से फसलों को वास्तविकता में ही मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना किसानों के लिए एक वरदान साबित होगी तथा किसान का दोबारा खेतीबाड़ी की ओर रुझान बढ़ेगा। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को समीप के कृषि कार्यालय में विषयवाद विशेषज्ञ के पास उपलब्ध प्रपत्र को भरकर देना होता है, जिसके साथ जमीन की नकल  भी देनी पड़ती है । उसके बाद इसे स्वीकृति के लिए उपनिदेशक कृषि कार्यांलय में भेजा जाता है। स्वीकृति प्रदान होने के बाद अधिकृत कंपनी आकर प्राक्कलन तैयार करके किसान को सूचित करती है। यदि किसान सरकार द्वारा चलाई गई योजना के तहत कुल लागत का 20 प्रतिशत राशि देने को तैयार हैं तो किसान को इसका ड्राफ्ट बनाकर कृषि विभाग को देना होता है, उसके बाद कंपनी किसान की भूमि पर सोलर फेंसिंग लगाने की प्रक्रिया आरंभ कर देती है और शेष राषि प्रदेश सरकार वहन करती है। अगर किसान  तीन या तीन से अधिक संख्या में सामूहिक तौर पर बाड़बंदी करवाना चाहें तो उन्हें 15 प्रतिशत राशि जमा करवानी पड़ती है तथा 85 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा दी जाती है । इस बारे में कृषि विभाग उपनिदेशक रूप लाल चौहान का कहना है कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत किसानों को जागरूक किया जा रहा है।


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