हफ्ते का खास दिन : सुनील गावस्कर
जन्मदिवस 10 जुलाई
सुनील गावस्कर भारत के क्रिकेट के पूर्व-खिलाड़ी हैं। सुनील गावस्कर वर्तमान युग में क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। इन्होंने बल्लेबाजी से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए। सनी का जन्म 10 जुलाई ,1949 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम मार्शनील है। इनके पुत्र रोहन गावस्कर भी भारतीय क्रिकेट टीम में खेल चुके हैं। 1975 का पहला वर्ल्ड कप गावस्कर ही क्या भारत के क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूल पाएंगे। उस वर्ल्ड कप का जिक्र आते ही नजरों के सामने गावस्कर की नाबाद 36 रन की पारी कौंध जाती है, जो उन्होंने पूरे 60 ओवर में खेली थी। इसके लिए उन्होंने 174 गेंदों का सामना किया था और सिर्फ एक चौका लगाया था। इंग्लैंड ने 60 ओवर में चार विकेट पर 334 रन का विशाल स्कोर बनाया था, जिसके जवाब में गावस्कर की अति धीमी बल्लेबाजी के कारण भारत तीन विकेट पर 132 रन ही बना पाया था। गावस्कर की इस धीमी बल्लेबाजी के लिए तरह-तरह की चर्चाएं होती थीं। कहा जाता था कि श्रीनिवास वेंकटराघवन को वर्ल्ड कप में कप्तानी देने से नाराज गावस्कर ने ऐसी पारी खेली थी। हालांकि खुद गावस्कर का कहना था कि उन्होंने कई बार अपना विकेट खुला छोड़ा, मगर विपक्षी गेंदबाजों ने उन्हें आउट नहीं किया। उन्होंने बाद में दावा किया था कि वह खुद को खेल की गति से एडजस्ट नहीं कर पा रहे । गावस्कर मैदान में एक के बाद एक गेंदें बर्बाद कर रहे थे और भारतीय समर्थकों और टीम साथियों की हताशा का अंदाजा लगाना वाकई मुश्किल काम था। सुनील गावस्कर की शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल तथा सेंट जेवियर्स कालेज में हुई । उन्होंने क्रिकेट की शिक्षा ‘गिल्स’ तथा ‘हैरिस’ शील्ड टूर्नामेंट के लिए खेलते हुए प्राप्त की । उन्होंने पश्चिमी जोन के लिए खेलते हुए अखिल भारतीय स्कूल टूर्नामेंटों में बहुत अच्छा स्कोर बनाया । उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उन्हें जेसी मुखर्जी मेमोरियल पुरस्कार प्रदान किया गया । उसके पश्चात सेंट जेवियर्स कालेज में पढ़ते हुए भी उन्होंने ‘इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट’ में उत्तम सफलता प्राप्त की । उन्होंने दादर संघ में शामिल होकर विज्जी ट्रॉफी के लिए खेला और उन्हें मुंबई टीम में आने के लिए न्योता मिल गया ,जिसमें उन्होंने ईरानी ट्रॉफी व रणजी ट्रॉफी के लिए खेला । सुनील गावस्कर ने अनेक नए रिकार्ड बनाए तथा पुराने रिकार्ड तोड़े । उन्होंने सर्वाधिक 34 शतक बनाने का रिकार्ड बनाया तथा टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन बनाने वाले विश्व के प्रथम खिलाड़ी बने । बाद में एलन बार्डर ने उनका रिकार्ड तोड़ा। सुनील गावस्कर आज तक एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एक कैलेंडर वर्ष में एक हजार रन बनाए और यह करिश्मा उन्होंने चार बार कर दिखाया । कुल एक वर्ष 12 माह, में 1984 रन बनाने का रिकार्ड भी सुनील गावस्कर के नाम है । उन्होंने 17 अक्तूबर, 1978 से 13 अक्तूबर, 1979 के बीच दो द्विशतक, 6 शतक, 9 अर्द्धशतक लगाकर 1984 रन बनाने का अभूतपूर्व रिकार्ड बनाया । अपने कालेज के दिनों से ही सुनील गावस्कर एक अच्छे क्रिकेटर की तौर पर देखने को मिलते थे, तभी से कालेज में उनकी क्रिकेट खेलने की स्टाइल को सब पसंद करने लगे थे। वह सबसे सफल बल्लेबाज माने जाते थे।1971 में उन्हें वेस्टइंडीज के ऐतिहासिक दौरे के लिए टेस्ट टीम में चुना गया था। वह अकेले ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने वेस्टइंडीज के विरुद्ध 27 टेस्टों में 2749 रन, इंग्लैंड के विरुद्ध 38 टैस्टों में 2483 रन, पाकिस्तान के विरुद्ध 24 टेस्टों में 2089 रन और आस्ट्रेलिया के विरुद्ध 20 टेस्टों में 1550 रन बनाए। क्रिकेट के मैदान में अपने अद्भुत प्रदर्शन और रिकॉर्ड तोड़ने के कारण वे विश्व के श्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। पुस्तकें पढ़ने और संगीत सुनने का उन्हें बहुत ही शौक है। उन्होंने स्वयं भी ‘सनी डेज’ नामक एक पुस्तक लिखी है और हमेशा लोगों से क्रिकेट की शब्दावली में बात करते हैं। कहते हैं कि एक बार वह अपनी कार में कहीं पर जा रहे थे उनकी कार के आगे एक आदमी आ गया। उन्होंने ब्रैक लगाया और कार से उतरकर उस आदमी के पास गए और बोले ‘अरे भाई, देखकर चला करो, नहीं तो रन आउट हो जाओगे। उस आदमी को यह पहचानने में जरा भी देर नहीं लगी कि यह तो सुनील गावस्कर है।
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