100 साल के भवनों पर उगे बरगद 

By: Jul 15th, 2018 12:07 am

ऊना – ऊना शहर के वार्ड नंबर दो, तीन व पांच में स्थित 100 साल से भी अधिक पुराने जर्जर भवन हादसों को न्योता दे रहे हैं। इन वार्डो में स्थित करीब एक दर्जन जर्जर व पुराने भवन गिरने की हालत में हैं, जो कि अब खंडहरों में तबदील हो चुके हैं। बरसात के दिनों में इनके गिरने से किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। नगर परिषद ने इनके मालिकों को नोटिस भेजकर इन जर्जर भवनों को गिराने के आदेश दिए, लेकिन भवनों के मालिकों ने नप के निर्देशों को हलके में लिया और पुराने मकानों को गिराने में कोई भी कार्रवाई नही की। भवनों पर उग रहे पीपल व बरगद के पेड़ों ने इन पुराने भवनों पर डेरा जमा रखा है।  इससे इनके गिरने का खतरा ओर भी बढ़ गया है। बड़े होते पेड़ों ने भवनों को तार-तार करके रख दिया है। जर्जर भवनों के गिरने से किसी भी समय कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। गौर रहे कि शहर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल 84 पौडि़यां मंदिर को जाने वाले रास्ते में स्थित एक जर्जर भवन गत रात्रि धड़ाम से गिर गया। गनीमत रही कि स्थानीय लोगों की सजगता से इसमें कोई अप्रिय घटना नही हुई। इस जर्जर भवन के गिरने का खतरा स्थानीय लोगों व दुकानदारों को दो से तीन दिन पहले ही हो गया गया था। भारी बारिशों से यह भवन धीरे-धीरे जमीन में धंसना व खिसकना शुरू हो गया था। शुक्रवार रात्रि को जब स्थानीय लोगों को इसके गिरने का अंदेशा हुआ तो लोगों ने रात करीब आठ बजे भवन के दोनों ओर से रोड बंद करके जनता का आवागमन रोक दिया। रात तकरीब पौने दस बजे यह बिल्डिंग  गिर गई, जिससे अब 84 पौडि़यां मंदिर को बाजार से जाने वाला मुख्य मार्ग बंद हो गया। स्थानीय लोगों की सजगता के चलते इस भवन के गिरने से कोई अप्रिय घटना नही हुई, लेकिन अन्य खड़े भवनों को अगर शीघ्र ही नही गिराया जाता है तो यह किसी बडे़ हादसे को अंजाम दे सकता है। स्थानीय निवासी मोहन सिंह, शम्मी, ललित कुमार, राजन, हरमिंद्र सिंह सहित अन्य लोगों ने जिला प्रशासन व नगर परिषद से मांग की है कि जर्जर भवनों को तुरंत प्रभाव से गिराने की कार्रवाई की जाए ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।


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