4751 करोड़ का वाटर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट मंजूर

By: Jul 18th, 2018 12:08 am

आर्थिक मामले मंत्रालय से क्लीयरेंस, अब मात्र औपचारिकता शेष

शिमला— हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से 4751 करोड़ रुपए का एक और महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट मंजूर हो गया है। आर्थिक मामले मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है और अब महज औपचारिकता शेष रह गई है। विदेशी एजेंसी के माध्यम से इस प्रोजेक्ट के लिए हिमाचल को पहली किश्त के रूप में 708.81 करोड़ रुपए मिलेंगे, जिससे यहां न केवल सिंचाई के लिए पानी का पर्याप्त प्रबंधन होगा, बल्कि भूमिगत जलस्तर भी यकीनन बढ़ेगा। बारिश होने पर जो पानी पहाड़ों से होकर मैदानी क्षेत्रों की ओर यूं ही बह जाता है, उसे यहां जगह-जगह पर स्टोर किया जाएगा।  इस पानी का भंडारण करने के लिए बड़ी संख्या में चैक डैम बनाए जाएंगे। प्रदेश के आईपीएच महकमे ने यह प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसके दो अधिकारी इंजीनियर इन चीफ अनिल कुमार बाहरी व चीफ इंजीनियर सुरजीत सैणी मंगलवार को दिल्ली में हुई बैठक में मौजूद थे। उन्होंने मंत्रालय द्वारा उठाई गई सभी आपत्तियों को दूर कर दिया है, जिसके बाद इस प्रोजेक्ट की सभी बाधाएं दूर हैं। बताया जाता है कि आर्थिक मामले मंत्रालय ने अपनी ओर से प्रोजेक्ट को स्वीकृति देते हुए विदेशी एजेंसी को काम देने की बात कही है, इस पर अब केंद्र सरकार जल्दी ही आदेश जारी कर देगी। विदेशी एजेंसी के माध्यम से केंद्रीय सबसिडी के आधार पर यहां वाटर कंजर्वेशन का काम किया जाएगा। इससे पहले भी आईपीएच के दो प्रोजेक्ट मंजूर हो चुके हैं, लेकिन इस परियोजना पर कुछ आपत्तियां पिछली बैठक में लगाई गई थीं। उन व्यवधानों को दूर करते हुए मंगलवार को वाटर कंजरवेशन प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। यह प्रोजेक्ट कुल 4751 करोड़ रुपए का है, मगर इसके पहले चरण में हिमाचल को 708.81 करोड़ रुपए की राशि मिलेगी। पहले चरण में इस राशि से पूरे प्रदेश में काम किया जाएगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों, जहां पर खेती को बचाने की कोशिशें की जा रही हैं, में यह प्रोजेक्ट काफी अहम साबित होगा।

बारिश के पानी को सहेजा जाएगा

रेन वाटर कंजर्वेशन के लिए जगह-जगह चैक डैम बनाने के साथ शहरी क्षेत्रों में नालियों के माध्यम से एक स्थान पर वर्षा जल को रोका जा सकता है। जगह-जगह कुएं खोदकर उनमें इस पानी को भरा जा सकता है। चैक डैम के जरिए खेतों तक पानी पहुंचाया जा सकता है। पुराने जमाने में बनने वाली खातरियों का एक दफा फिर से बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

केंद्र ने 1131.87 करोड़ के दो प्रोजेक्टों को दिखाई हरी झंडी

शिमला— दिल्ली दौरे पर गए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि हिमाचल को भारत सरकार द्वारा 1131.87 करोड़ रुपए की विकासात्मक परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इन योजनाओं में जल संरक्षण के लिए वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा 708.87 करोड़ व 423 करोड़ की बागबानी विभाग के अंतर्गत समेकित मशरूम विकास परियोजना शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय को जल संरक्षण की पहल के माध्यम से दोगुना करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के लिए 4751.24 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से निर्मित होने वाली परियोजना तैयार की है। परियोजना के प्रथम चरण में 708.87 करोड़ का होगा। उन्होंने कहा कि 423 करोड़ रुपए की समेकित खुंभ विकास योजना प्रदेश के बागबानी समुदाय के लिए मील का पत्थर साबित होगी। सीएम ने कहा कि प्रदेश के लोगों के लिए यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मशहूर कार्यक्रम ‘मन की बात’ में हिमाचल प्रदेश में मशरूम की खेती का जिक्र किया था। इसी के तहत यह परियोजना मंजूर हुई है। बागबानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भी उनके साथ दिल्ली में मौजूद हैं।

फोरलेन पर जल्द शुरू हो काम

शिमला— मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर प्रदेश की 25 रोड स्ट्रेचिज को राष्ट्रीय  राजमार्ग अधिसूचित करने का आग्रह किया। उन्होंने इनके स्तरोन्नय के लिए विकासात्मक कार्यों को भी स्वीकृत करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कीरतपुर-नेरचौक राजमार्ग पर दोबारा कार्य आरंभ करने के लिए हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया। साथ ही पठानकोट-मंडी तथा शिमला-मटौर सड़कों को भारी यातायात के मद्देनजर फोरलेन बनाने का भी आग्रह किया। नितिन गडकरी ने इन मामलों पर विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों को मामलों पर उचित कार्रवाई करने तथा प्रगति रिपोर्ट तथा संभव समाधानों से उन्हें अवगत करवाने को भी कहा।


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