अदरक में लगे सड़न रोग का किया निरीक्षण
शिलाई —नकदी फसल अदरक में लगे सड़न रोग को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं के वैज्ञानिक सोमवार को उपमंडल शिलाई की दूरदराज ग्राम पंचायत बालीकोटी के चामरा-मोहराड़ पहुंचे, जहां उन्होंने अदरक के खेतों में जाकर लगे सड़न रोग की जांच की तथा किसानों को रोग से बचाव के बारे जानकारी तथा एक कैंप अयोजित किया, जिसमें क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। ग्राम पंचायत बालीकोटी के कई गांव के किसानों के अदरक की फसल में लगे सड़न रोग के मामले को पिछले दिनों ‘दिव्य हिमाचल’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं के वैज्ञानिकों का एक दल चामरा-मोहराड़ पहुंचा, जहां किसानों की फसल का निरीक्षण कर लगे सड़न रोग के बचाव के बारे उपचार बताया तथा किसानों के साथ एक शिविर लगाया। आत्मा परियोजना के परियोजना निदेशक देवी सिंह नेगी, कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं के विशेषज्ञ डा. अरविंद आहूजा, डा.सुखदेव पालियाल ने बताया कि अदरक में दो रोग पाए गए। एक गठी सड़न रोग तथा पत्ता सूखा रोग पाया गया, जिसके लिए बेबेस्टीन एक ग्राम प्रति लीटर पानी में छिड़काव करें तथा दस दिनों के बाद कापरओक्सी क्लोराइड तीन ग्राम दवा तथा क्लोरोपाईरीफास-तीन एमएल दवा एक लीटर पानी में डाल पौधों तथा पत्तों में छिड़काव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को एकत्रित कर एक कैंप का भी आयोजन किया गया, जिसमें सड़न रोग से बचने की जानकारी दी गई। इस मौके पर गांव मशवाड़ के किसान सोहन सिंह चौहान, प्रताप सिंह, कंवर सिंह, बीजा राम शर्मा, नरेश चौहान, मोहराड़ के वीरेंद्र सिंह, रमेश कुमार, सूरत सिंह, बाजू राम, जीत सिंह, दलीप नेगी, हीरा सिंह, गुमान सिंह सहित क्षेत्र के दो दर्जन से ज्यादा किसान मौजूद रहे।
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