आर्यन हरनोट की फिल्म छा जाने के लिए तैयार

By: Aug 8th, 2018 12:05 am

शिमला — हिमाचल की संस्कृति को सिद्ध करती हुई शॉर्ट फिल्म ‘कील’ जल्द रिलीज होगी। इस फिल्म को निदेशक राम भरोस और एक्टर आर्यन हरनोट ने तैयार किया है। आर्यन की यह फिल्म इस लिए खास है क्योंकि यह फिल्म हिमाचल की देव पंरपरा पर आधारित है। शॉर्ट फिल्म कील का फिल्मांकन करीब आठ दिनों तक शिमला के दूर दराज के गांवो में की गई है और फिल्म हिंदी और पहाड़ी भाषा में रिलीज की जा रही है। फिल्म के मुख्य किरदार के रूप में जब विशवेश का चुना गया जो शिमला से हैं तो उन्हें इस किरदार को निभाने में मदद मिली। आर्यान हरनोट ने बताया कि यह फिल्म काफी चुनौतीपूर्ण रही है क्योंकि ऐसे स्कूली बच्चे जिनको एक्टिंग की बिलकुल भी जानकारी नहीं थी उनके साथ उन्होंने इस फिल्म को पूरा किया। फिल्म में 300 के करीब स्थानीय बच्चों ने अभिनय किया है। जो काम इन बच्चों ने किया है वो बहुत अलग व अचंभित भरा अनुभवपूर्ण रहा । इनमें से कुछ बच्चे स्थानीय गांव से थे जिनके साथ काम करते समय पता चला कि इन सभी बच्चों में प्रतिभा है जो कैमरे को आत्मविश्वास के साथ फेस कर रहे थे जबकि मेरे विचार बिलकुल इसके विपरीत थे। विशवेश के अलावा इस फिल्म में संजीव कुमार जो सोलन और वंदना ठाकुर जो शिमला से है, रावत और अभिमन्यु सहित आशीष राणा ने भी अभिनय किया है। आर्यन हरनोट का कहना है कि वो इस तरह की फिल्म करने के लिए मौके की तलाश में थे लेकिन पिता की वितीय सीमाओं के कारण वो इस तरह की फिल्म का निर्माण नहीं कर पा रहे थे लेकिन भाषा एंव संस्कृति विभाग ने उनके इस सपने को साकार करने में उनकी मदद की।

नंगा देवता की है कहानी

इस फिल्म की कहानी को प्रसिद्ध लेखक एसआर हरनोट ने लिखा है और कहानी के माध्यम से दिखाया गया है कि किस तरह से नंगा देवता को लेकर लोगों में किस तरह की पंरपरा है। इसके साथ ही यह भी दिखाया गया है कि कहीं न कहीं किस तरह से कुछ लोग देव संस्कृति से अपने स्वार्थ के लिए खिलवाड़ करते है। कहानी एक स्कूली बच्चे कलमू की है। कलमू का किरदार फिल्म का मुख्य किरदार है और वो वर्षों से चली आ रही नंगा देवता की मूर्ति पर जुते मारने और कील गाड़ने की पंरपरा को पूरा नहीं करता है और ऐसी पंरपरा को मानने का विरोध करता है। इस विरोध के चलते उसे किन-किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है यह फिल्म में दिखाया गया है।

कई कठिनाइयों में तैयार हुआ प्रोजेक्ट

फिल्म मेकर आर्यान हरनोट का कहना है कि इस फिल्म को तैयार करने के लिए  काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कहानी से रिलेटिड सामान साथ ही रोड की अच्छी सुविधाएं नहीं थी और लगातार बारिश के चलते कैमरा को ले जाना बहुत खतरों से कम नहीं रहा जिसक कारण ये प्रोजेक्ट हमारे लिए किसी संघर्ष से कम नहीं रहा।

करसोग में होती है पूजा

नंगा देवता की पूजा प्रदेश में करसोग घाटी के में की जाती है। यहां लोग स्थानीय परंपरा के अनुसार अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए और किसी व्यक्ति या परिवार को शापित करने के लिए देवता की प्रतिमा को जूतों से मारते है और मूर्ति पर कील गाड़ देते है। इस अजीबो-गरीब परंपरा पर इस फिल्म के माध्यम से प्रकाश डाला गया है।

 


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