एक ही संस्थान में 10 करोड़ का घपला

By: Aug 13th, 2018 12:07 am

स्कॉलरशिप घोटाला : चूना लगाने के लिए एक बैंक में खोले गए छात्रों के खाते, मोबाइल नंबर भी एक ही दर्ज

शिमला – करीब 150 करोड़ रुपए के स्कॉलरशिप घोटाले में एक और खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि 10 करोड़ रुपए की राशि एक ही संस्थान को दे दी गई, जिसमें एक ही बैंक में बच्चों के खाते खोले और एक ही मोबाइल नंबर उसमें दर्ज करवाया। हैरानी की बात यह है कि इस पर या तो किसी को पता नहीं चला या फिर मिलीभगत के साथ इसे अंजाम दिया गया। इस मामले को लेकर जांच केवल विजिलेंस तक ही रुके, ऐसा नहीं लग रहा है क्योंकि सीबीआई जांच की मांग भी होनी शुरू हो गई है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इसमें हिमाचल ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के संस्थान भी शामिल हैं। अलबत्ता सीबीआई ही इसका खुलासा कर सकती है। छात्रवृत्ति घोटाले के बाद यह सामने आ गया है कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है। नीचे से ऊपर तक यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है, जिसकी वजह से 150 करोड़ रुपए का यह घोटाला हुआ और सालों तक इसकी किसी को भनक भी नहीं लगी। 10 करोड़ रुपए छात्रवृत्ति की राशि एक ही संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों के नाम पर जारी हुई। इस संस्थान में छात्रवृत्ति की राशि के सहारे पढ़ाई करने वाले अधिकांश छात्र-छात्राओं के खाते भी एक ही बैंक में खुले तथा कई छात्रों का मोबाइल नंबर भी एक ही है। एक ही बैंक में खाते खुलने तथा एक ही सेवा प्रदाता कंपनी का एक ही मोबाइल नंबर होने से घोटाले को लेकर संदेह और पुख्ता हो गया है। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच तेज हो गई है। कैग द्वारा छात्रवृत्ति पर सवाल उठाने के बाद सरकार द्वारा 2016 में मामले की जांच के आदेश देने के बावजूद कार्रवाई न होने पर पहले ही शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है, मगर अब धीरे- धीरे इस घोटाले से पर्दा उठने लगा है। जानकार बताते हैं कि घोटाले की जड़ें प्रदेश से बाहर भी फैली हैं, लिहाजा जांच सीबीआई से हो तो इसमें बड़े घपलेबाज सामने आएंगे। घोटाले में शामिल लोगों ने इसे करने के लिए आसान सा तरीका अपनाया। उन्होंने पोर्टल से छात्रवृत्ति पाने वाले छात्र छात्राओं के नाम व पते मालूम किए। इसके बाद उनके नाम पर बैंक में खाता खोला, संस्थान में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं से खाली चेक पर हस्ताक्षर करवा लिए, बाकी के फर्जी प्रवेश दिखाए गए। अन्यथा यह संभव नहीं कि जिस संस्थानों को छात्रवृत्ति की रकम में से 10 करोड़ दिए गए, अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति योजना के तहत स्कॉलरशिप पाने वाले हजारों छात्रों ने वहीं प्रवेश लिया।


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