एशियाई खेलों में भारतीय संतानें

By: Aug 17th, 2018 12:05 am

भूपिंदर सिंह

लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं

भारतीय दल में कुल 572 खिलाड़ी इन खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। इनमें से एक दर्जन हिमाचली भी हैं। यह आज तक की सबसे अधिक हिमाचली खिलाडि़यों की भागीदारी है। इस बार भारत 36 खेलों में भाग ले रहा है, जबकि जकार्ता खेलों में कुल 40 खेलों में मुकाबले होंगे…

18 अगस्त, 2018 को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में दूसरी बार आयोजित हो रहे 18वें एशियाई खेलों में इस बार एक दर्जन से अधिक हिमाचली खिलाड़ी व तकनीकी अधिकारी भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जहां हिमाचल प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है, वहीं  यह भी नजर आ रहा है कि राज्य में अब खेलों को गति मिलना शुरू हो गई है। हैंडबाल में चार हिमाचली बालाएं तिरंगे को ऊंचा करने के लिए जकार्ता में पसीना बहाएंगी। बिलासपुर की मोरसिंगी में स्नेहलता द्वारा चलाई जा रही हैंडबाल अकादमी से सोलन जिले की निधि, बिलासपुर की प्रियंका व दीक्षा ‘महिला हैंडबाल’ टीम की सदस्य होंगी तथा हिमाचल की एक और बेटी जो कुल्लू जिला से है, आजकल खिला देवी एसएसबी में कार्यरत है, भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेगी। कबड्डी में सोलन के अजय ठाकुर, महिला टीम में कुल्लू की कविता ठाकुर तथा सिरमौर की प्रियंका नेगी तथा रितु नेगी हैं। रितु नेगी इस समय भारतीय रेलवे में अपनी सेवाएं दे रही हैं। भारतीय सेना में कार्यरत शिमला के पंकज शर्मा वालीबाल में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं।

2014 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत तथा 2018 में कांस्य पदक जीतने वाले वायुसेना में कार्यरत हमीरपुर के विकास ठाकुर भी जकार्ता में भारतीय भारोत्तोलन टीम का हिस्सा बनकर पदक की दावेदारी पेश करेंगे। तलवारबाजी में शिमला की ज्योतिका दत्ता भी भारतीय तलवारबाजी टीम की सदस्य बनकर जकार्ता में तिरंगे को ऊपर करने की पुरजोर कोशिश करेगी। भारतीय दल में कुल 572 खिलाड़ी इन खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। इनमें से एक दर्जन हिमाचली भी हैं। यह आज तक की सबसे अधिक हिमाचली खिलाडि़यों भी भागीदारी है। इस बार भारत 36 खेलों में भाग ले रहा है, जबकि जकार्ता खेलों में कुल 40 खेलों में मुकाबले होंगे। 2014 एशियाई खेलों में भारत को 11 स्वर्ण, नौ रजत तथा 37 कांस्य पदक मिले थे। इनमें से हिमाचली खिलाडि़यों ने नौ स्वर्ण पदकों में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। महिला कबड्डी में मिले स्वर्ण पदक के लिए भारतीय टीम में पूजा ठाकुर तथा कविता ठाकुर तथा पुरुष कबड्डी में मिले स्वर्ण पदक में अजय ठाकुर की भूमिका सबके सामने थी। इस बार भी कबड्डी पुरुष व महिला दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीतने की पूरी-पूरी उम्मीद है। हिमाचली गबरू अजय ठाकुर भारतीय कबड्डी टीम का नेतृत्व कर रहा है। व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भारत को 1986 के सियोल एशियाई खेलों में सुमन रावत ने 3000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता था। हॉकी में सीता गोसाई व दीपक ठाकुर ने भी भारतीय टीम का हिस्सा बनकर देश का मान बढ़ाया था।

हिमाचल प्रदेश की तरफ से इस बार हो रहे प्रतिनिधित्व को देखते हुए लग रहा है कि निकट भविष्य में हिमाचल पढ़ाई की तरह खेलों में भी देश के शीर्ष राज्यों में गिना जाएगा। देश के कई राज्य एशियाई खेलों से क्वालिफाई कर भाग लेने वाले खिलाडि़यों को भी पदक विजेताओं के साथ-साथ थोड़ा कम ही सही, नकद इनाम भी देते हैं। हरियाणा राष्ट्रमंडल व एशियाई खेलों में भारतीय टीम का हिस्सा बनकर प्रतिनिधित्व करने वाले को साढ़े सात लाख रुपए का नकद इनाम देता है। ओलंपिक खेलों में प्रतिनिधित्व करने पर ही 15 लाख देता है। क्या हिमाचल सरकार भी इन हिमाचली संतानों के लिए प्रतिनिधित्व करने पर नकद इनाम देने की घोषणा कर रही है? एशियाई व ओलंपिक खेलों में प्रतिनिधित्व करने के लिए देश में प्रथम होना ही जरूरी नहीं होता है। इसके साथ-साथ खिलाड़ी को क्वालिफाई मार्क भी पार करना होता है।  पिछले चार वर्षों से विभिन्न खेल महासंघों द्वारा लगाए गए प्रशिक्षण शिविरों, विभिन्न राज्यों की खेल अकादमियों व खेल छात्रावासों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत  लगातार कठिन परिश्रम करने बाद ही खिलाड़ी एशियाई खेलों जैसी बड़ी प्रतियोगिता के लिए क्वालिफाई कर पाता है।

हैंडबाल खिलाड़ी निधि, प्रियंका व दीक्षा तो बिना किसी सरकारी सहायता के वर्षों अपना प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रखकर इस स्तर तक पहुंची हैं। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि इन बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडि़यों को भी नकद इनाम मिले। हिमाचल खेल जगत खिलाडि़यों को तहेदिल से क्वालिफाई कर भाग लेने पर बधाई तथा पदक जीतने के लिए शुभकामनाएं देता है। देखते हैं इंडोनेशिया की राजधानी में 18 अगस्त से दो सितंबर, 2018 तक चलने वाले इस खेल महाकुंभ में कौन-कौन तिरंगे को ऊपर उठाकर राष्ट्रीय धुन पूरे खेल जगत को सुनाता है। आशा की जाती है कि हिमाचल सरकार की ओर से इनाम राशि की घोषणा जल्द होगी।


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