किन्नौर में सेब सीजन पर संकट
रिकांगपिओ – सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने ने चोलिंग के निकट राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर बना वैली पूल के असुरक्षित होने ही किन्नौर के सेब बागबानों की चिंताए बढ़ने लगी है। किन्नौर के बागबान इस बात से चिंतित है कि कई ठीक सेब सीजन के दौरान पुल पूरी तरह असूरिक्षत हो जाता है तो कई वर्ष 2013 वाली स्थिती खड़ी न हो जाए। गौर रहे कि वर्ष 2013 में चोलिंग के निकट उरनी ढांक में हुए बारी भू-स्खलन के कारण एनएच करीब कई महने अबरुध रहने पर वाहनों को वाया चालिंग-उरनी-टापरी लिंग मार्ग से चाया गया। इस संपर्क सड़क मार्ग की खस्ता होल के काण वाहनों को कई घंटे जाम में फसना पड़ता रहा। अब एक बार फिर चोलिंग के निकट पुल के असुरक्षित होने पर लोगों को वर्ष 2013 के वो दिन याद सताने लगी है। कुलदीप नेगी, राम कुमार, विनोक कुमार, शंकर भगत नेगी, भूपेंद्र नेगी, विरेंद्र नेगी, विनोद कुमार नेगी, कपिल, महावीर, बलदेव, शांति स्वरूप, भजन, प्रमोद आदि कई सेब बागबानों ने सतलुज नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण चोलिंग के निकट राष्ट्रीय उच्च मार्ग-पांच पर बने बैली पुल के असूरक्षित होने की सूरत में जिला प्रशासन सहित लोक निर्माण विभाग भावानगर मंडल से मांग की है कि चोलिंग-उरनी वैकल्पिक संपर्क सड़क मार्ग को समय रहते दुरुस्त किया जाए, ताकि सेब सीजन प्रभावित न हो सके।
जिला का सेब सीजन 15 अगस्त सेहोगा शुरू
किन्नौर जिला के कम ऊंचाई वाले क्षेत्र किल्बा, बालट्रंग, चोलिंग, रल्ली, तांगलिंग, पवारी, शौंगठंग, खारो, स्कीबा, स्पीलो आदि क्षेत्रों में 15 अगस्त के बाद सेब मंडियों में जाना शुरू हो जाता है। किन्नौर जिला के चोलिंग के पास एनएच-पांच पर बने पूल के असुरक्षित होने पर इन क्षेत्रों के सेब उत्पादकों को चिंताए बड़ गई है।
उरनी पंचायत प्रधान ने पीडब्ल्यूडी पर लगाए आरोप
ग्राम पंचायत प्रधान उरनी गीता नेगी ने लोक निर्माण विभाग पर सीधा आरोप जड़ा है। उन्होंने बताया कि विभाग को चोलिंग-उरनी-टापरी संपर्क सड़क मार्ग की याद तभी आती है जब राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 की पूरी ट्रैफिक को वाया इस वैकल्पिक मार्ग से गुजारा जाता है। चालिंग-उरनी संपर्क सड़क मार्ग की इतनी दयनिय स्थिती है कि सड़क पर जगह-जगह पर गड्डे व तंग मोड़ किसी बड़ी दुर्घटना को न्यौता दे रहा है।
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