खेल ही नहीं, दिल भी जीतिए…

By: Aug 17th, 2018 12:05 am

अटल बिहारी वाजपेयी : स्मृति शेष…

नई दिल्ली— पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के अलावा वाजपेयी का खेल से भी खासा लगाव रहा। 2004 में उन्होंने तब पाकिस्तान दौरे पर जा रही भारतीय टीम को सलाह दी थी। तब टीम इंडिया की कमान सौरभ गांगुली के हाथों में थी। साल 2004 में पांच वनडे और तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था। तब सौरभ गांगुली की कप्तानी वाली टीम को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने बुलाया और उन्हें एक बैट दिया। बैट पर कुछ पंक्तियां लिखी थीं। पाक दौरे पर रवाना होने से पहले भारतीय टीम को प्रधानमंत्री वाजपेयी ने उन्हें शुभकामनाओं के तौर पर एक बैट दिया। उस बैट पर लिखा था कि खेल ही नहीं, दिल भी जीतिए, शुभकामनाएं। यह सीरीज सभी के लिए खास रही, लेकिन टीम इंडिया के धुरंधर ओपनर सहवाग को इस सीरीज ने एक खास नाम दिया। मुल्तान में हुए उस सीरीज पहले टेस्ट मैच में धुरंधर ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने 309 रन की कमाल की पारी खेली थी, जिसके बाद उन्हें मुल्तान का सुल्तान नाम से जाने जाना लगा।

ड्रीम गर्ल के फैन

वाजपेयी जी एक्ट्रेस और भाजपा सांसद हेमा मालिनी के बहुत बड़े फैन रहे हैं। खुद हेमा मालिनी ने उनके साथ पहली मुलाकात का किस्सा शेयर किया था। 2017 में हेमा मालिनी ने अटल जी के 93वीं बर्थडे पर बताया था कि उन्हें उनकी ‘सीता और गीता’ इतनी पसंद आई थी कि 25 बार देख डाली थी। इतना ही नहीं, जब वह पहली बार उनसे मिले थे तो बात करने से झिझक रहे थे। उस वक्त वाजपेयी जी पूरे टाइम सिर नीचे किए बैठे रहे थे।

…रेखा को उतारते

बात 1987 की है। जब अटल जी ने एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया था कि अगर दिल्ली से उनके खिलाफ अमिताभ बच्चन को कांग्रेस उतारती, तो वह अभिनेताओं की प्रसिद्धि का मुकाबला नहीं कर पाते, इसलिए वह खुद न खड़े होकर रेखा को बिग बी के खिलाफ चुनाव में उतारते।

जीएसटी का मॉडल

एक राष्ट्र, एक कर की अवधारणा पर शुरुआती काम अटल बिहारी वाजेपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए ही हुआ था। वाजयेपी सरकार ने जीएसटी का मॉडल डिजाइन करने के लिए वर्ष 2000 में पश्चिम बंगाल के तत्काली फाइनांस मिनिस्टर असीम दासगुप्ता की अध्यक्षता में समिति बनाई थी।

कबड्डी भी खेली

1972 में दिल्ली के कंझावला में संघ का शिविर लगा था, जिसमें कबड्डी खेलनी थी। पहले तो अटल जी ने कहा कि मैं कबड्डी नहीं खेलूंगा, लेकिन जब शिक्षक ने कहा कि सबको कबड्डी खेलनी है, तो वह भी एक टीम के साथ खड़े हो गए। जब दूसरी टीम का सदस्य कबड्डी देने आया तो अटल जी ने उसके सामने हाथ घुमाकर पूछा कि मुंह धोए बिना ही कबड्डी देने आए हो तो उसकी हंसी छूट पड़ी और अटल जी ने उसे आउट कर दिया।


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