गीता रहस्य

By: Aug 4th, 2018 12:05 am

स्वामी रामस्वरूप

यजुर्वेद मंत्र 23/60 में कहा कि निमित्त कारण सर्वशक्तिमान परमेश्वर है और उपादान कारण जड़ प्रकृति है। इसलिए परमात्मा ने जगत का निमित्त उपादान कारण कहा है अर्थात परमात्मा सृष्टि की रचना नहीं करता और परमात्मा से सृष्टि उत्पन्न नहीं होती है…

जितना भी विश्व में ज्ञान आया है वह ईश्वर की वेदवाणी  से ही प्रकट हुआ है। श्रीकृष्ण महाराज भी वेदों के अनुसार ही अर्जुन को ज्ञान दे रहे हैं।

भगवद्गीता में भी संपूर्ण  ज्ञान वेदों से ही उत्पन्न हुआ ज्ञान है। वेदों में तो और अधिक विस्तृत ज्ञान है। संपूर्ण विश्व एवं हम सब  भारतवासियों को वेद विद्या के अध्ययन, मनन श्रवण में पुनः लगना चाहिए तभी भारतवर्ष का प्रत्येक प्राणी कठोर परिश्रम करने वाला एवं राष्ट्र को सभी बुराइयों से बचाने वाला होगा। श्लोक 8/19 में श्रीकृष्ण महाराज अर्जुन से कह रहे हैं कि हे अर्जुन यह पांच भूतों का समुदाय अर्थात सृष्टि रचना के सब पदार्थ उत्पन्न हो कर असहाय हुआ सहज में ही ब्रह्मरात्रि के आने पर लीन होते हैं, ब्रह्मदिन के आने पर पुनः उत्पन्न होते हैं।

भावः वेदों में सृष्टि रचना का विस्तार से वर्णन है। सृष्टि रचना पालना, प्रलय पुनः रचना, यह क्रम अनादि काल से चला आ रहा है और भविष्य में भी सदा चलता रहेगा। ईश्वर का ज्ञान, बल एवं क्रिया स्वभाविक है।

अतःनिश्चित समय पर उक्त रचना आदि का क्रम अनादि एवं अनंत स्वरूप है। ऋग्वेद मंत्र 10/129/1 से 6 में कहा है कि सृष्टि रचना से पहले प्रकृति, जीवात्माएं एवं परमात्मा ये तीनों अनादि तत्त्व हैं। ईश्वर की शक्ति प्रकृति में कार्य करती है और प्रकृति से पहला तत्त्व ‘महत’ अर्थात बुद्धि उत्पन्न होता है। पुनः महत से अंहकार, अहंकार से पंचतन्मात्राएं और पंचतन्मात्राओं से अग्नि, वायु, जल , पृथ्वी ये पांच तत्त्व बनते हैं। इन्हीं पांच तत्त्वों से संसार के समस्त पदार्थ बने हुए हैं।

श्रीकृष्ण महाराज ने इन्हीं पदार्थों को ‘भूतग्राम’ अर्थात समस्त पदार्थ बने हुए हैं। श्रीकृष्ण महाराज अर्जुन से कह रहे हैं कि ये भिन्न-भिन्न प्रकार के समस्त पदार्थ निमित्त कारण और उपादान के कारण ये उत्पन्न होते हैं।

यजुर्वेद मंत्र 23/60 में कहा कि निमित्त कारण सर्वशक्तिमान परमेश्वर है और उपादान कारण जड़ प्रकृति है। इसलिए परमात्मा ने जगत का निमित्त उपादान कारण कहा है अर्थात परमात्मा सृष्टि की रचना नहीं करता और परमात्मा से सृष्टि उत्पन्न नहीं होती है। अपितु यजुर्वेद मंत्र 23/54 में  कहा कि जब ईश्वर की शक्ति मात्र जड़ प्रकृति में  निश्चित समय पर कार्य करती है तो सूक्ष्म विद्युत, महत आदि उत्पन्न होकर सृष्टि रचना कगम प्रारंभ होता है और पंचभौतिक पदार्थों से बनकर समस्त जड़ संसार  के पदार्थ बनते हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App