गोमाता… जहर… बारूद ले रहा जान 

By: Aug 18th, 2018 12:05 am

दौलतपुर चौक -गगरेट विधानसभा क्षेत्र में पिछले कुछ समय से गोधन पर अत्याचार निरंतर बढ़ रहे हैं और प्रशासन की उदासीनता गो प्रेमियों को रास नहीं आ रही है। वहीं, गगरेट में आज तक एक भी सरकारी गोसदन नहीं बन पाया है। मात्र एक निजी गोशाला में बेसहारा गोधन को आश्रय मिल रहा है। वहीं, पिछले लगभग एक माह में गगरेट विधानसभा क्षेत्र में बेसहारा पशुओं पर अत्याचार से जुड़ा पांचवां मामला सामने आया है, लेकिन प्रशासन की लचीली कार्यप्रणाली से गो प्रेमी हताश हैं। जबकि गोवंश  पर अत्याचार करने वालों के हौसले बुलंद है। काबिलेगौर है कि इसी माह में घनारी में दो बैलों और एक गाय की मौत, दियोली में अज्ञात वाहन द्वारा बेसहारा गाय को टक्कर मारकर घायल करना, नंगल जरियाला में एक घायल अवस्था में बेसहारा बैल का मिलना, डंगोह में दो बैलो की जहरीले पदार्थ से संदिग्ध मौत व गगरेट में गोधन का विस्फोटक पदार्थ से मौत ऐसे ही कुछ मामले हैं जो कि गोसेवकों को कौंध रहे हैं। ऐसे में अब सवाल यह है की यदि बेसहारा पशु बोल नहीं सकते तो क्या उनकी कोई सुनवाई भी नहीं होगी। काबिलेगौर है कि विभाग द्वारा पशुओं के संरक्षण के लिए बड़े-बड़े दावे तो किया जा रहे हंै और विभाग मुस्तैद होने की बात भी कर रहा लेकिन यदि विभाग मुस्तैद है तो बेसहारा पशुओं पर ऐसे अत्याचार क्यों हो रहे हैं। गगरेट में लगातार हो रहे बेसहारा पशुओं पर अत्याचारों को रोकने में पुलिस भी कोई बड़ी करवाई नहीं कर पाई है। जानकारी के अनुसार किसी भी मामले में आज तक कोई भी गिरफ्तारी न होना सवाल उठाता है।


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