चोलिंग में पुल धंसा, टै्रफिक रोकी
रिकांगपिओ – सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने से किन्नौर जिला में चोलिंग के निकट करोडों रुपए की लागत से निर्मित वैली पूल के असुरक्षित होते ही एनएच प्राधिकरण ने पूल पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। शिमला, रामपूर, भावा नगर व टापरी की ओर से रिकांगपिओ सहित किन्नौर के ऊपरी क्षेत्रों की और जाने वाली छोटी-बड़ी सभी वाहनों को शुक्रवार शाम से वाया उरनी-चालिंग संपर्क मार्ग से भेजा जा रहा है। अधिशाषी अभियंता एनएच प्राधिकारण प्रकाश नेगी ने बताया कि सतलुज नदी का जल स्तर बड़ने से चालिंग के निकट वैली पूल के नीचे प्रोटैक्षन वर्क नदी के बहाव से कट से करीब तीन इंच पूल का एवाइटमैंन नीचे धंस गया है। इस कारण सडक पर भी दरारे पड़नी शुरू हो गई है। पूल के एबैयमैंट पर अधिक बार न पडे़ इस लिए पूल पर से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। उन्होंने बताया कि पूल को सुरक्षित करने के लिए पूल को दस से बीस फीट तक ओर लंबा करने का कार्य शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि पूल को दस फीट तक बढ़ाने से पुल सुरक्षित होता है तो इस पूल पर वाहनों की आवाही दो दिन में शुरू कर दी जाएगीं, यदि पूल को बीस फीट बडाना पड़े तो करीब एक सप्ताह तक इस पूल पर वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाएगीं। उन्होंने बताया कि पूल को बीस फीट बढ़ाने की सूरत में बडे ़वाहनों की आवाजाही में समस्या खड़ी हो सकती है। ऐसे सूरत में किल्बा की और चट्टान को काटना पड सकता है। बैहरहाल पूल को असुरक्षित होता देख एनएच प्राधिकर की मैकनिकल विंग घटना स्थल पर पंहुच चुकी है। स्वम अधिशाषी अभियंता एनएच प्राधिकरण प्रकाश नेगी स्वम घटना स्थल पर पंहुच चुके है। आरोप लगाया जा रहा है कि करच्छम डेम से एक साथ पानी छोडे़ जाने के बाद ही पूल को खतरा उत्पंन्न हुआ है। जिस समय करच्छम डेम से एक साथ पानी छोड़ा गया तो सतलुज नदी का बहाब काफी ऊपर तक पंहुच गया था। स्थानिय लोगों का आरोप है कि एक साथ डेम से पानी छोड़ने की सूरत में ही पूल को खतरा उत्पन्न हुआ है।
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