जो अटल ने किया कोई नहीं कर सकता

By: Aug 17th, 2018 12:05 am

 कुल्लू  —महात्मा गांधी को बाबू जी कह कर पुकारा जाता है और पंडित ज्वाहर लाल नेहरू को चाचा जी तो क्यों न आप सब भी मुझे मामा कहें। यह बात प्रीणी गांव में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के निधन की खबर के बाद प्रीणी गांव में अटल के निवास पर गूंज उठी। प्रधानमंत्री रहते और जब प्रधानमंत्री नहीं भी थे तब भी अटल जब भी प्रीणी गांव अपने निवास स्थान आते, यहां आने पर हमेशा यहां के लोगों व सरकारी स्कूल के बच्चों से मिलते पहुंच जाते। यहां बच्चों को दुलार करते हुए उनसे कई सवाल भी पूछते। इस दौरान जब कोई उन्हें सर कहता तो वह हंस पढ़ते और फिर उन्होंने कुछ इस अंदाज में गांव वाले और बच्चों से कहा कि वह उन्हें मामा कह सकते हैं और अटल को आज पूरा गांव अपना मामा मानता है। मामा अब उनके बीच नहीं रहे कि खबर के  बाद गांव के लोग न केवल सदमे में हैं, बल्कि इस बात से आहत हैं कि जिस गांव को आदर्श बनाया था। उस गांव से आज हमेशा के लिए मामा का साथ छुट गया है। अब उनके मामा कभी उनसे मिलने नहीं आएंगे और न ही वह उस पेड़ को भी देखने आएंगे, जिसे देखने की जिम्मेदारी भी उन्होंने यहां के लोगों को दी थी। प्रीणी गांव में अटल ने देवदार का पौधा वर्ष 2006 में लगाया था, जिसकी आयु आज करीब 12 साल की हो चुकी है। आज इस पेड़ की देखरेख स्कूली छात्र व गांव के लोग मिलकर करते हैं, ताकि अटल जी की ओर से लगाया पौधा हमेशा फले फूले।  वहीं, अटल जी के निधन के खबर के बाद गुरुवार को गांव के लोग इसी पेड़ की छाओ के नीचे बैठे और गांव के विकास में किए उनके योगदान को लेकर अपने मामू की याद में अश्क बहाते रहे। सरकारी स्कूल के बच्चे भी मामा के निधन के बाद आहत हैं। उन्होंने कहा कि उनके मामा अब उनके बीच नहीं रहे। इसकी भरपाई करना तो अब नामुमकिन है, लेकिन जो सहयोग उन्होंने अपने गांव के लिए किया है, उसे ताउम्र नहीं भूला जा सकता।


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