टाउन हाल किसका, फैसला जल्द

By: Aug 17th, 2018 12:05 am

 शिमला  —मालरोड स्थित टाउन हाल पर राज्य सरकार इस सप्ताह अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी। इस आधार पर राज्य उच्च न्यायालय तय करेगा कि टाउन हाल का प्रयोग कौन करेगा? बता दें कि पहले नगर निगम शिमला इसके भवन में अपना कार्यालय संचालित कर रहा था। मेंटेनेंस वर्क के चलते नगर निगम ने अपना आफिस टाउन हाल से डीसी आफिस में शिफ्ट किया है। इसी बीच उच्च न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से इसके प्रयोग पर जवाब मांगा है। इस आधार पर मुख्य सचिव को दो सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दायर कर टाउन हाल को लेकर स्थिति स्पष्ट करने होगी। यह समयावधि इसी हफ्ते पूरी हो रही है। लिहाजा उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद मुख्य सचिव को जीर्णोद्धार के बाद टाउन हाल के उचित उपयोग के बारे में शपथ पत्र दायर करना है, जिसके बाद ही अदालत टाउन हाल की देने का फैसला करेगी। ऐसे में बीते चार सालों से टाउन हाल वापस मिलने के इंतजार में बैठे नगर निगम शिमला की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है, क्योंकि टाउन हाल एमसी शिमला को वापस मिलेगा या नहीं, यह निर्णय उच्च न्यायालय लेगा। वहीं, इस विषय में अदालत का मानना है कि टाउन हाल का आम जनता की सुविधाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में टाउन हाल में एमसी शिमला के कार्यालय को दोबारा शुरू होने की संभावनाएं कम होती नजर आ रही हैं, जबकि टाउन हाल को लेकर एमसी शिमला प्रदेश सरकार की पहले ही प्रस्ताव भेज चुका है, लेकिन अब मामला अदालत में होने के कारण एमसी शिमला के पास फैसले के इंतजार के अलावा कोई चारा नहीं है। गौरतलब है कि वर्ष 1908 में स्कटिश वास्तुकार जेम्स रैनसोम द्वारा टाउन हाल को डिजाइन किया गया था। टाउन हाल को वास्तव में पुस्तकालय के रूप में डिजाइन किया गया था। बाद में कई कार्यालयों को इस भवन में स्थानांतरित कर दिया गया था और देश के विभाजन के बाद नगर निगम के कुछ कार्यालयों में उसमें रखा गया था। करीब तीन सालों से चल रहे जीर्णोद्वार के बाद टाउन हाल अपनी पुराने शानदार लुक में सामने आएगा। शिमला शहर के सौंदर्यीकरण योजना के तहत पर्यटन विभाग द्वारा टाउन हाल के जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जिसका अधिकतर कार्य पूरा किया जा चुका है। टाउन हाल के बाहरी लुक मेें तो कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन अंदर जरूरत व डिजाइन के अनुसार थोड़े बदलाव किए गए हैं। इसमें सदन कक्ष से लेकर महापौर, उपमहापौर और काउंसलर रुम के बैठने की पूरी व्यवस्था कर गई है।

वर्ष 2017 में होना था काम पूरा

शिमला शहर के सौंदर्यीकरण योजना के तहत पर्यटन विभाग द्वारा सितंबर, 2014 में टाउन हाल के जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया था। आठ करोड़ की लागत से काम को तय समयावधि के वर्ष 2017 में पूरा किया जाना था, लेकिन बार-बार ठेकेदारों के बदलने और जीर्णोद्धार के काम को लेकर उठी आपत्तियों के चलते इसमें एक साल की देरी हुई है। इस बाबत होई कोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए जून में काम पूरा करने के निर्देश जारी किए थे।

 


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