देश में हिंसा का कोई स्थान नहीं

By: Aug 16th, 2018 12:04 am

राष्ट्रपति का देश के नाम संदेश, निरर्थक विवादों में पड़कर लक्ष्य से न भटकें

नई दिल्ली— राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के विकास में महिलाओं और युवाओं के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें और अवसर देने की वकालत की है। मंगलवार को आजादी की पूर्व संध्या पर देश के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने सेना और पुलिसबलों के कामों की तारीफ करते हुए कहा कि बिना इनके देश में शांति और व्यवस्था नहीं रह सकती है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में हिंसा का कोई स्थान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि आज देश एक निर्णायक दौर से गुजर रहा है। ऐसे में हमें ध्यान भटकाने वाले मुद्दों में उलझने की जरूरत नहीं है और न ही निरर्थक विवादों में पड़कर अपने लक्ष्यों से हटने की जरूरत। आजादी को बंधी-बधाई प्रयास से इतर बताते हुए राष्ट्रपति ने देशवासियों से स्वाधीनता सेनानी के सपनों का भारत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश को अभी गरीबी और असामनता से मुक्त करने के लिए अहम काम करने हैं। देश की आजादी के 71 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हमें महान देशभक्तों की विरासत मिली है। स्वाधीनता सेनानियों ने हमें एक आजाद भारत सौंपा है। साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे काम भी सौंपे हैं जिन्हें हम सब मिलकर पूरा करेंगे। देश की आजादी को शक्ति प्रदान करने में किसानों का भी अहम योगदान है। राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं की हमारे समाज में एक विशेष भूमिका है। कई मायनों में महिलाओं की आजादी को व्यापक बनाने में ही देश की आजादी की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि यह सार्थकता, घरों में माताओं, बहनों और बेटियों के रूप में, तथा घर से बाहर अपने निर्णयों के अनुसार जीवन जीने की उनकी स्वतंत्रता में देखी जा सकती है। उन्हें अपने ढंग से जीने का, तथा अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करने का सुरक्षित वातावरण तथा अवसर मिलना ही चाहिए। महिलाएं अपनी क्षमता का उपयोग चाहे घर की प्रगति में करें, या फिर उच्च शिक्षा-संस्थानों में महत्त्वपूर्ण योगदान देकर करें, उन्हें अपने विकल्प चुनने की पूरी आजादी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र और समाज के रूप में हमें यह सुनिश्चित करना है कि महिलाओं को जीवन में आगे बढ़ने के सभी अधिकार और क्षमताएं सुलभ हों। जब हम महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे उद्यमों या स्टार्ट-अप के लिए आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराते हैं, करोड़ों घरों में एलपीजी कनेक्शन पहुंचाते हैं, और इस प्रकार महिलाओं का सशक्तिकरण करते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं।

किसानों को मिले सुविधाएं

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे किसान उन करोड़ों देशवासियों के लिए अन्न पैदा करते हैं, जिनसे वे कभी आमने-सामने मिले भी नहीं होते। वे देश के लिए खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराके हमारी आजादी को शक्ति प्रदान करते हैं। जब हम उनके खेतों की पैदावार और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं।

सुरक्षाबल देश की आन-बान और शान

श्री कोविंद ने कहा कि हमारे सैनिक, सरहदों पर, बर्फीले पहाड़ों पर, चिलचिलाती धूप में, सागर और आसमान में, पूरी बहादुरी और चौकसी के साथ, देश की सुरक्षा में समर्पित रहते हैं। वे बाहरी खतरों से सुरक्षा करके हमारी स्वाधीनता सुनिश्चित करते हैं। जब हम सैनिकों के लिए बेहतर हथियार उपलब्ध कराते हैं, स्वदेश में ही रक्षा उपकरणों के लिए सप्लाई-चेन विकसित करते हैं और सैनिकों को कल्याणकारी सुविधाएं प्रदान करते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं। हमारी पुलिस और अर्द्धसैनिक बल अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हैं। वे आतंकवाद का मुकाबला करते हैं तथा अपराधों की रोकथाम और कानून-व्यवस्था की रक्षा करते हैं।


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