नन्हे अनमोल ने पूछा पानी का मोल

By: Aug 18th, 2018 12:05 am

 शिमला  —राजधानी शिमला के बिल्कुल नजदीक मल्याणा के खारी खेच गांव में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। पिछले तीन वर्षों से उक्त गांव में आईपीएच महकमा पानी की सप्लाई नहीं कर पाया है। इस गांव में करीब 200 लोग रहते हैं, जो आईपीएच विभाग की नजरअंदाजी के चलते गंदे नाले का पानी पीने को मजबूर हैं। मल्याणा खारी खेच गांव के ग्रामीण अनमोल शर्मा का आरोप है कि आईपीएच महकमा उनके गांव को नजर अंदाज कर रहा है। 12 वर्षीय अनमोल आठवीं कक्षा का छात्र है। वह स्वच्छ पेयजल की मांग को लेकर कई मर्तबा आईपीएच विभाग व अन्य सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट चुका है, मगर अभी तक उनके गांव के लिए आईपीएच विभाग पानी की सप्लाई नहीं दे पाया है। अनमोल शर्मा का कहना है कि गांव के लोगों ने 40 से 45 हजार रुपए खर्च कर आईपीएच विभाग से पानी के कनेक्शन लिए थे। कनेक्शन मिलने के बाद 8-10 दिन तक पानी आया, मगर उसके पश्चात आज तक नल से पानी की एक बूंद तक नहीं टपकी। नाले का गंदा पानी पीने से गांव में रहने वाले लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। पानी की सैंपलिंग में भी पाया गया है कि यह पानी पीने योग्य नहीं है। इसके बावजूद गांव के लोगों को मजबूरन यह पानी पीना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार के स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने के दावे हवा होते दिख रहे हंै। ‘दिव्य हिमाचल’ से बातचीत के दौरान अनमोल शर्मा ने बताया कि अगर समय रहते सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इस गांव में रहने वाला हर व्यक्ति महामारी की चपेट में आ जाएगा।

बच्चे की फरियाद भी नहीं सुन रहा विभाग

अनमोल स्वच्छ पानी की बूंद-बूंद के लिए भटक रहा है, मगर उसकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। अनमोल का कहना है कि उसने विभाग के हर अधिकारी को पत्र सौंप कर स्वच्छ पेयजल की मांग उठाई है, मगर आज तक उसे व गांव को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पाया।

पीलिया से भी नहीं लिया सबक

शिमला में पूर्व में पीलिया के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिससे कई लोगों की मौत भी हुई थी। इस बरसात के दौरान भी पीलिया के मामले सामने आने लगे हैं। अगर विभाग समय रहते कुंभकर्णी की नींद से नहीं जागता है तो उक्त गांव के लोग महामारी की चपेट में आ सकते हैं।


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