पांच साल तक कर सकेंगे बीएड

By: Aug 14th, 2018 12:15 am

मानव संसाधन मंत्रालय ने शिक्षक बनने के इच्छुक छात्रों को दी राहत

शिमला— प्रदेश में दो साल की बीएड ट्रेनिंग वाले युवाओं के लिए राहत भरी खबर है। बीएड के इच्छुक छात्रों को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने दो वर्ष की बीएड करने की छूट वर्ष 2023 तक दी है। केंद्रीय मंत्रालय के अनुसार अगले साल वर्ष 2019 से बीएड कोर्स को बंद न कर इसे 2023 तक पहले के नियमों के तहत ही रखा जाएगा। वहीं, बीएड के दो वर्षीय कोर्स को बंद न कर इसके साथ ही वर्ष 2019 के नए सत्र से बीएड का पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स भी शुरू कर दिया जाएगा।  इससे पहले इस वर्ष देश सहित प्रदेश के बीएड कालेजों में बीएड का अंतिम बैच बिठाने का निर्णय हुआ था, लेकिन निजी बीएड कालेजों ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद अपने इस निर्णय को केंद्रीय मंत्रालय ने आगामी पांच सालों के लिए टाल दिया हैं। खास बात यह भी है कि बीएड के दो वर्षीय कोर्स को खत्म कर इसकी जगह पांच साल बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स करना अनिवार्य किया गया था। यह योजना भारत सरकार की नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन ने तैयार की थी। इस योजना पर मंजूरी भी एमएचआरडी ने दे दी थी, लेकिल इस फैसले का विरोध देश और प्रदेश के निजी बीएड कालेजों ने जताया। विरोध के पीछे तर्क दिया गया कि जो छात्र ग्रेजुएशन कर बीएड करना चाहते हैं,  ऐसे छात्रों को बीएड के दो वर्षीय कोर्स करने का मौका नहीं मिलेगा। निजी कालेजों के संचालकों की इस मांग को जायज मानते हुए एमएचआरडी ने यह बड़ा फैसला लिया है। एचपीयू के शिक्षा विभाग के बीएड प्रवेश के समन्वयक प्रो. नैन सिंह ने कहा कि बीएड दो वर्षीय कोर्स को आगामी पांच सालों तक बंद नहीं किया जाएगा। 2023 तक बीएड कालेजों में बीएड के बैच बिठाए जाएंगे। एमएचआरडी की ओर से यह फैसला लिया गया है। इस फैसले से प्रदेश में चल रहे करीब 72 निजी बीएड कालेज संचालकों को राहत मिली है। प्रदेश में दो सरकारी सहित 72 निजी बीएड कालेजों में 7000 के करीब बीएड की सीटें हर वर्ष भरी जा रही हैं।

जहां सुविधा, वहीं पांच साल का कोर्स

प्रदेश में सत्र 2019 से शुरू किया जाने वाला पांच वर्षीय बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स उन्हीं बीएड कालेजों में शुरू किया जाएगा, जिनके पास आधारभूत ढांचा होगा। निजी कालेज संचालकों को भी पांच वर्षीय कोर्स को अपने संस्थान में शुरू करने के लिए तय नियमों के तहत आधारभूत ढांचागत सुविधाएं और अतिरिक्त शिक्षकों की भर्ती करनी होगी। जो कालेज सभी तय नियमों को पूरा करेंगे, उन्हीं में नए कोर्स को शुरू किया जाएगा।


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