पीटरहॉफ में दरारें

By: Aug 1st, 2018 12:10 am

शिमला —शिमला शहर में मौजूद ऐतिहासिक धरोहरों की कोई सुध नहीं ले रहा है। कई ऐतिहासिक धरोहरें आग की भेंट चढ़ चुकी हैं तो अब कइयों पर भू-स्खलन से धंसने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसा ही एक भवन प्रदेश सरकार राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ है, जिसके धंसने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि सरकारी मशीनरी इसे हल्के में ले रही है और जानकर भी अनजान है परंतु वास्तविकता यही है कि जिस पीटरहॉफ में रोजाना वीवीआईपी ठहरते हैं, वह कभी भी एक तरफ को धंस सकता है। इन दिनों भारी बरसात के बाद यह खतरा अधिक बढ़ गया है। यहां वीवीआईपी कमरों में जाकर देखने से पता चलता है कि इसमें किस तरह से दरारें लगातार बढ़ रही हैं। हैरानी तो इस बात की है कि इन महंगे कमरों मे ये दरारें भरी तक नहीं जा सकी हैं। पीटरहॉफ के पीछे की तरफ का हिस्सा मिट्टी के टीले पर ही खड़ा है। जानकार बताते हैं कि शिमला को बसाने के लिए खुदाई के बाद मलबे के ढेर को यहां पर भी फेंका जाता था और पीटरहॉफ की जो नींव है, वह एक तरफ इसी ढेर पर टिकी है। पहले पीटरहॉफ राज्यपाल का घर हुआ करता था, जिसे बाद में यहां से शिफ्ट कर दिया गया। पीटरहॉफ को सरकार राज्य अतिथि गृह के रूप में चलाती है और यह ऐतिहासिक धरोहर है। सरकार की यह बेशकीमती संपत्ति है, परंतु इसे सहेजकर रखने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। बताया जाता है कि मेंटेनेंस के लिए इसे अलग से कोई फंड नहीं मिलता है, जिस कारण कमरों में आई दरारें भी साफ तौर पर दिखाई दे जाती हैं। पिछले दिनों  अधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे को उठाया ज चुका है, जिस पर सरकार ने कुछ गंभीरता दिखाते हुए इसके मेंटेनेंस के कार्य जल्द पूरा करने की बात कही भी है, लेकिन अभी तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है। पीटरहॉफ की धरातल मंजिल पर सामान्य प्रशासन निगम (जीएडी) के कुछ कमरे हैं। इन सभी कमरों की दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें देखी जा सकती हैं। इन दरारों से पता चलता है कि पीटरहॉफ एक तरफ को धंसने लगा है।

खिसक रहे डंगे

यहां भू-स्खलन के कारण जमीन खिसकती है और इसी कारण से कमरों में दरारें पड़ती जा रही हैं। इसके कोनों में मौजूद डंगे भी खिसकने लगे हैं और बरसात कमें इन्हें काफी नुकसान होता है।


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