पुलिस खिलाड़ी को प्रशिक्षण सुविधा कब तक

By: Aug 3rd, 2018 12:05 am

भूपिंदर सिंह

लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं

हिमाचल पुलिस में आज खिलाड़ी जवानों के प्रशिक्षण व अन्य खेल सुविधाओं का कोई प्रबंध नहीं है। उच्च स्तरीय खेल परिणाम प्राप्त करने के लिए पूरा वर्ष लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम कई वर्षों तक चलाने की बेहद जरूरत होती है, मगर आज पुलिस में खिलाडि़यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं चलाए जा रहे हैं…

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकांश खिलाड़ी इस समय सेना, सुरक्षा बलों, रेलवे तथा राज्य पुलिस विभागों से प्रशिक्षित होकर निकल रहे हैं। भारतीय खेल प्राधिकरण की खेल अकादमियों तथा खेल छात्रावासों के साथ-साथ राज्यों के खेल छात्रावासों में किशोरावस्था से लेकर 20 वर्ष की आयु तक तो प्रशिक्षण का प्रबंध देश के प्रतिभावान खिलाडि़यों को मिल रहा है, मगर उसके बाद तो उस खिलाड़ी को जहां वह नौकरी कर रहा है, वहां पर प्रशिक्षण का प्रबंध हो, यह बहुत जरूरी हो जाता है। हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग लगभग हर वर्ष सैकड़ों पद विभिन्न जिलों में भर्ती के माध्यम से भर रहा है। इसमें कुछ खिलाड़ी तीन प्रतिशत आरक्षण के अंतर्गत तथा कुछ अपनी स्वयं की मैरिट पर भर्ती हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशियाई, राष्ट्रमंडल व ओलंपिक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सीधा ही मंत्रिमंडल के निर्णय से डीएसपी के पद तक भर्ती किया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ी को भी कैटेगरी तीन के अंतर्गत उपनिरीक्षक के पद पर सीधी भर्ती मिल रही है। इस तरह इस समय विभिन्न खेलों के लगभग कई दर्जन खिलाड़ी हिमाचल प्रदेश पुलिस का हिस्सा बन चुके हैं। हिमाचल पुलिस में आज खिलाड़ी जवानों के प्रशिक्षण व अन्य खेल सुविधाओं का कोई प्रबंध नहीं है। उच्च स्तरीय खेल परिणाम प्राप्त करने के लिए पूरा वर्ष लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम कई वर्षों तक चलाने की बेहद जरूरत होती है, मगर आज हिमाचल पुलिस में खिलाडि़यों के लिए जो प्रशिक्षण कार्यक्रम दो दशक पूर्व चलाए थे, वे भी अब बिलकुल बंद पड़े हैं। दो दशक पूर्व हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अपने खिलाडि़यों के लिए विभिन्न खेलों को देखते हुए अलग-अलग जगह लंबी अवधि के प्रशिक्षण शिविर लगाए हुए थे। कुछ समय तक तो कुछ खिलाडि़यों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठाया, मगर बाद में प्रशिक्षण के नाम पर मिले विशेष अवकाश का नाजायज लाभ उठाकर अधिकतर खिलाड़ी कर्मचारी प्रशिक्षण शिविरों से बंक मारकर अपने घरेलू कार्य करते रहते थे, इसलिए पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों ने उस समय इन प्रशिक्षण शिविरों को बंद कर दिया था।

प्रशिक्षण शिविरों को बंद करना इस समस्या का हल नहीं था। होना तो यह चाहिए था कि एक निरीक्षण कमेटी बनाकर इन प्रशिक्षण शिविरों पर कड़ी नजर रखी जाती और प्रशिक्षकों के साथ-साथ खिलाडि़यों को भी जवाबदेह बनाया जाता। इसके बाद पुलिस विभाग ने कुछ खेलों के लिए टुकड़ों में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया। इसका प्रभाव भी सामने आया, खिलाड़ी अखिल भारतीय पुलिस खेलों में पहले के मुकाबले और नीचे आ गए थे, क्योंकि प्रशिक्षण एक लगातार प्रक्रिया है। मध्य में ठहराव आ जाने से खेल परिणाम और भी नीचे चले जाते हैं। हिमाचल पुलिस के पास आज भी कई खेलों के व्यक्तिगत व टीम स्पर्धाओं में कई उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी मौजूद हैं।

कबड्डी, मुक्केबाजी, कुश्ती, वालीबाल व एथलेटिक्स सहित और कई खेलों में स्टार खिलाड़ी हिमाचल पुलिस में कार्यरत हैं। हिमाचल पुलिस को चाहिए कि वह अपने ट्रेनिंग सेंटरों तथा अन्य बटालियन हैडक्वार्टर परिसरों में पंजाब व हरियाणा पुलिस की तरह अच्छे खेल स्टेडियम आउट व इंडोर खेलों के लिए विकसित करें। उनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्ले फील्ड बिछवा कर अपने खिलाडि़यों के लिए प्रशिक्षण सुविधा का निर्माण करें। वैसे भी हिमाचल का जलवायु खेल प्रशिक्षण के लिए बहुत ही अच्छा है। यहां पर पूरा वर्ष प्रशिक्षण कार्यक्रम बहुत अच्छी तरह से चल सकता है।

हिमाचल पुलिस में भर्ती खिलाडि़यों के लिए इस तरह की प्रशिक्षण सुविधा मिलती है, तो वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। खिलाड़ी का खेल जीवन बहुत ही तनाव भरा होता है, क्योंकि खिलाड़ी को 130 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में प्रथम आना होता है, वह भी क्वालिफाई मापदंड को पूरा करके, तभी वह भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर देश के लिए पदक जीत सकता है। इस सबके लिए उसके प्रशिक्षण कार्यक्रम में सरकार व उसके विभाग का पूरा-पूरा सहयोग होना बेहद जरूरी हो जाता है। राज्य में अच्छा खेल वातावरण न होने के कारण खिलाड़ी प्रदेश से पलायन कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशासन अपने भर्ती खिलाडि़यों के लिए पूरी प्रशिक्षण सुविधा के साथ अच्छे प्रशिक्षकों की देखरेख में लंबी अवधि के प्रशिक्षण शिविरों का प्रबंध कर उन पर पैनी नजर रखता है, तो राज्य को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदक विजेता खिलाड़ी जरूर मिलेंगे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App