बच्चों को बिगाड़ते हैं बड़े

By: Aug 5th, 2018 12:05 am

बचपन से ही बच्चों को अच्छा- बुरा कौन सीखाता है घर के बड़े।  अब हालात ऐसे हो गए हैं कि बच्चा थोड़ा सा रोया नहीं कि थमा दिया उसके हाथ में फोन। क्यों ? क्या पहले की औरतें भी ऐसा करती थीं नहीं, लेकिन सच में जमाना इतना बदल गया है कि पुराने संस्कार, पुरानी संस्कृति दिखाई ही नहीं देती। पहले के बच्चों की सारी जिदेें पूरी नहीं होती थीं, लेकिन फिर भी संस्कार इतने पूछो मत और आज के बच्चे हर चीज मुंह आगे फिर भी बिगड़े हुए और उनको बिगाड़ने का कारण हम खुद हैं। अगर हम घर में एक-दूसरे के साथ तु-तु मैं-मैं करते हैं वह भी बच्चों के सामने, जिसका असर बच्चों के ऊपर जल्दी पड़ता है। मेरी दादी ने मेरी मम्मी को कल बहुत डांटा, बाद में मम्मी नाराज हो कर फोन पर मौसी से कह रही थीं कि बुढि़या पता नहीं कब तक मेरी छाती पर मूंग दलेगी, 9 वर्षीय मोनू अपने दोस्त से कह रहा था।  वास्तव में बच्चे बहुत भोले होते हैं। वे घर में जो भी सुनते हैं उसे उसी रूप में ग्रहण करके अपनी धारणा बना लेते हैं और अवसर आने पर दूसरों के सामने प्रस्तुत कर देते हैं।  और आपने कभी-कभी देखा भी होगा कि जैसे हम उनसे चिला कर बात करते हैं वे भी हमसे उसी अंदाज में करने लगते हैं। इसलिए माता-पिता बच्चों से सदैव उनके मानसिक स्तर की ही बातचीत करें और उन्हें ईर्ष्या, द्वेष, आलोचना या दूसरों की टोह लेने जैसी भावनाओं से दूर रखें, क्योंकि उनकी यह उम्र खेलने-कूदने और पढ़ाई करने की होती है, न कि इस प्रकार की व्यर्थ की दुनियादारी की बातों में पड़ने की। बचपन में बच्चों को जब इस प्रकार की बातों में भाग लेने और अपना मत व्यक्त करने की आदत पड़ जाती है, तो यह आदत उनके चरित्र का एक नेगेटिव प्वाइंट बन जाती है, इसलिए ध्यान रखें। दरअसल, माता-पिता, अभिभावक व घर-परिवार के बड़े-बूढ़े बच्चों को बेहतरीन इनसान बनाएं।


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