बहुत याद आएगी चांदनी
श्रीदेवी
बहुत याद आई … मशहूर अदाकार चांदनी, सबके दिलों में राज करने वाली (श्रीदेवी) को कोई चांदनी से याद करता है, तो कोई हवा हवाई। सबको रुला कर तो चली गईं, लेकिन दिलों से कैसे निकलेगी। आज भी चांदनी की फिल्मों को लोग बहुत ध्यान से देखते हैं। कुछेक के दिलों में तो अभी जिदां है चांदनी ...
कुछ इस दुनिया से जाकर भी नहीं जा सकते , तो कुछ होकर भी नहीं होते, पर चांदनी सबके दिलों की चांदनी, जो मर कर भी नहीं मरी है। 13 अगस्त को चांदनी फिर याद आएगी। अपने फिल्मी करियर में कई अनगिनत फिल्में कीं। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई दमदार रोल किए और कई मजबूत फीमेल किरदार को पर्दे पर बेहतरीन तरीके से पेश किया और मुख्यधारा के सिनेमा के अलावा उन्होंने कई आर्ट फिल्मों में भी काम किया जिसे भारत में पैरलल सिनेमा कहा जाता है। उन्हें तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है। उनके करियर का ग्राफ क ई बार नीचे भी गिरा, लेकिन उन्होंने अपने को कई बार इससे उबारा और स्टेटस को बरकरार रखने के लिए उनकी क्षमता ने सभी का दिल जीता। 2013 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया था।
श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त, 1963 को तमिलनाडु में हुआ था। और 24 फरवरी, 2018 को दुनिया से अलविदा कर गईं। श्रीदेवी को उनकी असाधारण अभिनय प्रतिभा और बेहतरीन नृत्यांगना के रूप में जाना जाता है। हिंदी फिल्म ‘चांदनी’ में उनके किए गए नृत्य को लोग आज भी याद करते हैं।
महान गायिका लता मंगेशकर को भी बॉलीवुड की इस अभिनेत्री श्रीदेवी की ‘चांदनी’ फिल्म का डांस बहुत पसंद है। लता जी ने श्रीदेवी के निधन का बहुत दुख हुआ है। ऐसे कई चाहने वाले हैं चांदनी के जिनको जब जब चांदनी की याद है वे रो पड़ते हैं। श्रीदेवी ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत महज चार वर्ष की उम्र में की थी। नन्ही श्रीदेवी को मलयालम मूवी पूमबत्ता(1971) के लिए केरला स्टेट फिल्म अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने इस दौरान कई तमिल-तेलगु और मलायलम फिल्मों में काम किया जिसके लिए उन्हें कई अवार्डों से सम्मानित भी किया गया। वयस्क करियर की शुरुआत श्रीदेवी ने साल (1979) में हिंदी फिल्म ‘सोलवां सावन’ से की थी। हालंकि उन्हें बॉलीवुड में पहचान फिल्म 1983 में आई फिल्म ‘हिम्मतवाला’ से मिली थी। इस फिल्म में उनके अपोजिट जितेंद्र नजर आए थे। यह फिल्म 1983 ‘ब्लॉकस्बस्टर’ फिल्म थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में जितेंद्र के साथ कीं। वर्ष 1983 में फिल्म सदमा में श्रीदेवी दक्षिण सिनेमा के अभिनेता कमल हासन संग नजर आई थीं। इस फिल्म में उनके अभिनय को देख आलोचक भी दंग रह गए। इस फिल्म के लिए उनको पहली बार फिल्मफेयर अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का नामंकन मिला था।
साल 1986 में आई फिल्म नगीना, जिसमे श्रीदेवी ने एक इच्छाधारी नागिन की भूमिका अदा की थी। यह फिल्म उस साल की दूसरी सुपर-डुपर हिट फिल्म साबित हुई थी। उस दौरान श्रीदेवी की नगीना फिल्म सर्वश्रेष्ठ सांपों वाली फिल्मों में पहले स्थान पर थी। इसी फिल्म का गाना ‘मैं तेरी दुश्मन, दुश्मन तो मेरा’ एक आइकॉनिक गाना माना जाता है। इसी साल उनकी दो और फिल्में रिलीज हुई। जिनमें सुभाष घई की मल्टी-स्टारर फिल्म कर्मा और फिरोज शाह की जांबाज शामिल थी। दोनों ही फिल्मों में श्रीदेवी की गजब के अभिनय को दर्शक भी भौचक्के रह गए थे।
साल 1987 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया में श्री एक जर्नलिस्ट के किरदार में नजर आई। जोकि एक उनका आइकॉनिक रोल माना जाता है। यह फिल्म साइंटिफिक थ्रिलर फिल्म थी। इस फिल्म में उनके अपोजिट अनिल कपूर नजर आए थे।
फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ का गाना ‘हवा-हवाई’ आज भी दर्शकों के जुबान पर रहता है। उस दौर में श्रीदेवी और अनिल कपूर का रेन डांस सांग ‘काटे नहीं कटते’ आज भी बारिश के गानों में पहले नंबर पर है। श्रीदेवी की जितनी तारिफ की जाए उतनी कम है हम आज भी उनकी फिल्मों को बार-बार देखते हैं। 24 फरवरी, 2018 को हमें रुलाकी चलीं गई चादनीं।
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