बाबा शिब्बोथान धाम

By: Aug 18th, 2018 12:10 am

कांगड़ा जिले के भरमाड़ कस्बे में स्थित सिद्धपीठ शिब्बोथान धाम आज भी हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। श्रावण की संक्रांति के पहले रविवार से यहां मेले लगते हैं और सुबह से शाम तक लोगों की काफी भीड़ पूजा-अर्चना के लिए उमड़ती है।  मंदिर के महंत के अनुसार बाबा शिब्बोथान कलियुग में भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं। लगभग 600 वर्ष पूर्व भरमाड़ के निकट सिद्धपुरघाड़ के आलमदेव के घर में शिब्बू नामक बालक ने जन्म लिया। बाबा शिब्बो जन्म से पूर्ण रूप से अपंग थे। उन्होंने जाहरवीर गुग्गा जी की 2 वर्षों तक घने जंगलों में तपस्या की । उनकी इस तपस्या से प्रसन्न होकर जाहरवीर गुग्गा पीर ने बाबा शिब्बो को तीन वरदान दिए। प्रथम में उन्होंने कहा कि यह स्थान आज से शिब्बोथान नाम से प्रसिद्ध होगा। दूसरे में उन्होंने कहा कि तुम नागों के सिद्ध कहलाओगे और इस स्थान से सर्पदंशित व्यक्ति पूर्ण रूप से ठीक होकर जाएगा। तुम्हारे कुल का कोई भी बच्चा अगर यहां पानी की तीन चूलियां जहर से पीडि़त व्यक्ति को पिला देगा, तो पीडि़त व्यक्ति जहर से मुक्ति पाएगा। अंतिम वर में उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर बैठकर तुमने तपस्या की है, उस स्थान की मिट्टी जहर युक्त स्थान पर लगाने से विदेश में बैठा व्यक्ति भी जहर से मुक्ति पाएगा। जिस बेरी और बिल के पेड़ के नीचे बैठकर बाबा ने तपस्या की वह कांटों से रहित हो गई है और आज भी मंदिर परिसर में हरी-भरी है।

-कपिल मेहरा, जवाली


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App