भारतीय इतिहास के दस बड़े झूठ

By: Aug 11th, 2018 12:05 am

सचमुच यह हद दर्जे की मूर्खता है कि यह पढ़ाया जा रहा है कि वास्को डी गामा ने भारत की खोज की। पढ़ाया यह जाना चाहिए कि उसने समुद्री मार्ग बताया…

-गतांक से आगे…

वास्को डी गामा ने भारत की खोज की?

गोवा में एक जगह है जिसे वास्को डी गामा के नाम से जाना जाता है। सचमुच भारत खोया हुआ था और जिसके बारे में दुनिया कुछ नहीं जानती थी। क्या वास्को डी गामा के पहले भारत में कोई विदेशी नहीं आया था? और क्या भारत कोई ऐसी चीज है जिसे खोजा जाए? हजारों वर्ग किलोमीटर के भूभाग को वास्को डी गामा ने खोज लिया। क्या आपको यह हास्यापद नहीं लगता? यह ऐसा ही है कि आप अपने पड़ोसी के घर को खोज लें और दुनिया में इतिहास प्रसिद्ध हो जाएं। हालांकि आजकल पढ़ाया जाता है कि भारत के समुद्री मार्ग की वास्को डी गामा ने खोज की थी। सचमुच यह हद दर्जे की मूर्खता है कि भारतीय बच्चों को यह पढ़ाया जा रहा है कि वास्को डी गामा ने भारत की खोज की।

पढ़ाया यह जाना चाहिए कि वास्को डी गामा ने यूरोप को पहली बार भारत तक पहुंचने का समुद्री मार्ग बताया। दरअसल, पहले यूरोपीय देशों के लिए भारत एक पहेली जैसा था। यूरोप अरब के देशों से मसाले, मिर्च आदि खरीदता था, लेकिन अरब देश के कारोबारी उसे यह नहीं बताते थे कि यह मसाले वह पैदा किस जगह करते हैं। यूरोपीय इस बात को समझ चुके थे कि अरब कारोबारी उनसे जरूर कुछ छुपा रहे हैं। ये कारोबारी अरब के उस पार पूर्वी देशों से ज्यादा परिचित नहीं थे।

जहां तक सवाल भारत का है तो इसके एक ओर हिमालय की ऐसी शृंखलाएं हैं जिसे पार करना उस दौर में असंभव ही था। भारत के दूसरी ओर तीन ओर से भारत को समुद्र ने घेर रखा था। ऐसे में यूरोप वासियों के लिए भारत पहुंचने के तीन रास्ते थे। पहला रशिया पार करके चीन होते हुए बर्मा में पहुंचकर भारत में आना जोकि अनुमान से कहीं ज्यादा लंबा और जोखिम भरा था। दूसरा रास्ता था अरब और ईरान को पार करके भारत पहुंचना। लेकिन यह रास्ता अरब के लोग इस्तेमाल करते थे और वे किसी अन्य को अंदर घुसने नहीं देते थे।

तीसरा रास्ता समुद्र का था जिसमें चुनौती देने वाला सिर्फ समुद्र ही था। ऐसे में एक ऐसे देश के समुद्री मार्ग को खोज करने यूरोप के नाविक निकल पड़े जिसके बारे में सुना बहुत था लेकिन देखा नहीं। इन नाविकों में से एक का नाम क्रिस्टोफर कोलंबस था जो कि इटली के निवासी थे।

भारत का समुद्री मार्ग खोजने निकले कोलंबस अटलांटिक महासागर में भ्रमित हो गए और अमरीका की तरफ पहुंच गए। कोलंबस को लगा कि अमरीका ही भारत है। इसी कारण वहां के मूल निवासियों को रेड इंडियंस के नाम से जाना जाने लगा। कोलंबस की यात्रा के करीब 5 साल बाद पुर्तगाल के नाविक वास्को डी गामा जुलाई 1498 में भारत का समुद्री मार्ग खोजने निकले। वास्को डी गामा ने समुद्र के रास्ते कालीकट पहुंचकर यूरोपवासियों के लिए भारत पहुंचने का एक नया मार्ग खोज लिया था। 20 मई 1498 को वास्को डी गामा कालीकट तट पहुंचे और वहां के राजा से कारोबार के लिए हामी भरवा ली। कालीकट में 3 महीने रहने के बाद वास्को पुर्तगाल लौट गए। कालीकट अथवा कोलिकोड केरल राज्य का एक नगर और पत्तन है। वर्ष 1499 में भारत की खोज की यह खबर फैलने लगी। वास्को डी गामा ने यूरोप के लुटेरों, शासकों और व्यापारियों के लिए एक रास्ता बना दिया था।

                         -क्रमशः


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App