भारतीय इतिहास के दस बड़े झूठ

By: Aug 4th, 2018 12:05 am

जिस राजनीतिज्ञ को अपने देश के समाज और इतिहास की अच्छे से जानकारी नहीं होगी तो स्वाभाविक रूप से ही वह समाज में प्रचलित धारणा को ही सच मानकर कार्य करेगा…

भारतीय इतिहास के ऐसे कई रहस्य अभी उजागर होने बाकी हैं, जो इतिहास में नहीं पढ़ाए जाते या कि जिनके बारे में इतिहासकारों में मतभेद हैं। दरअसल, भारत के इतिहास को फिर से लिखे जाने की आवश्यकता है, क्योंकि वर्तमान में पाठ्यपुस्तकों में जो इतिहास पढ़ाया जाता है, वह या तो अधूरा है या वह सत्य से बहुत दूर है। यह भी कहा जा सकता है कि वह एकतरफा लिखा गया इतिहास है। दरअसल इतिहास जैसा है, उसे वैसा ही प्रकट किया जाना चाहिए। यहां हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम जो बता रहे हैं वह सत्य है या कि हम एक झूठ को स्थापित करने का कार्य कर रहे हैं। यहां सिर्फ सवाल उठाए जा रहे हैं जिनके उत्तर कभी संतुष्ट करने वाले नहीं रहे। जिस देश के लोग अपने इतिहास को अच्छे से नहीं जानते या जिस देश के लोग अपने इतिहास को लेकर भ्रम की स्थिति में रहते हैं, उनमें कभी भी अपने देश के प्रति वैसी भक्ति नहीं रहेगी, जैसी होना चाहिए। उस देश में मतभेद इस स्तर पर बढ़ते हैं कि वे मनभेद और हिंसा तक फैल जाते हैं। जिस राजनीतिज्ञ को अपने देश के समाज और इतिहास की अच्छे से जानकारी नहीं होगी तो स्वाभाविक रूप से ही वह समाज में प्रचलित धारणा या अफवाह को ही सच मानकर कार्य करेगा जिससे समाज में असंतोष ही फैलेगा। हालांकि यहां लिखी गई बातें सत्य ही हो, यह जरूरी नहीं, लेकिन इस पर खुले दिमाग से और सभी साक्ष्य और स्रोत के साथ विचार-विमर्श किया जाए तो निश्चित ही कम से कम यह समझ तो बढ़ेगी ही कि सबसे जरूरी है वह भारतीयता जो सदियों से चली आ रही परंपरा की पोषक है। हम किसी भी धर्म, जाति या समाज के हों लेकिन हम भारतीय हैं, यह तो तय है और जो हिस्सा भारत से अलग हो गया, वह भी सदियों से भारतीय थे और हैं, यह भी तय है। वे भले ही अपने पूर्वजों के इतिहास को नष्ट करके एक नए सिद्धांत को गढ़ लें, लेकिन इससे वे भी ज्यादा समय तक जिंदा रहेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं। स्थानीय इतिहास को नष्ट करने वाले उन विचारधारा और लोगों के गुलाम होते हैं जो उन पर लादी जाती रही है। अंततः गुलाम बनाने वाले वे लोग गुलामों के इतिहास के साथ गुलामों को भी नष्ट करने के उपाय खोज ही लेते हैं। भारत पिछले सैकड़ों सालों से गुलाम और दीनहीन रहा, इसके बारे में अब लोग जानना नहीं चाहते कि गुलामी के काल में क्या-क्या हुआ जिसके परिणाम हम आज तक झेल रहे हैं। यह सही है कि अतीत के बुरे वक्त को भूलकर नए भविष्य को गढ़ना चाहिए, लेकिन यह भी उतना ही सही है कि जो लोग अतीत से सीख नहीं लेते, वे अपना भविष्य बिगाड़ लेते हैं। वर्तमान को जानकर लगता है कि हमने अतीत से सीख नहीं ली। खैर..

विषय सूची

1 वास्को डी गामा ने भारत की खोज की?

2 भारत के इतिहास की शुरुआत सिंधु घाटी से होती है?

3 सिकंदर ने पोरस को हरा दिया था?

4 आर्य बाहरी और आक्रमणकारी थे?

5 तुर्क सम्राट जलालुद्दीन अकबर महान था?

6 शिवाजी लुटेरे और पहाड़ी चूहे थे?

7 श्रीराम और श्रीकृष्ण कभी हुए नहीं?

8 विक्रमादित्य कोई ऐतिहासिक व्यक्ति नहीं?

9 सरस्वती नदी का कोई अस्तित्व नहीं?

10 मनुस्मृति और रामचरित मानस दलित विरोधी हैं?

  -क्रमशः


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App