भोले के दरबार लगी भक्तों की कतार

By: Aug 14th, 2018 12:05 am

 नालागढ़ —सावन माह के अंतिम व पांचवें सोमवार को नालागढ़ उपमंडल के शिवालयों में भक्तों ने जाकर शीश नवाया और भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की। हालांकि रात से ही बारिश का क्रम चला रहा और सुबह बारिश की झड़ी लगी रही, लेकिन बावजूद इसके भक्तों की आस्था बारिश पर भारी रही और भक्तों ने मंदिर में जाकर शीश नवाया। मौसम साफ होता चला गया और लोग शिवालयों की ओर पूजा-अर्चना करने निकलना शुरू हो गए। नालागढ़ शहर के वार्ड एक स्थित शिव मंदिर, शहर के गबला कुंआ, चोये वाला मंदिर, बाबा भारती, एकादश रूद्र मंदिर चुहूवाल, तालाब वाला मंदिर, भल्लेश्वर महादेव मंदिर आदि शिवालयों में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पहुंचे, जहां श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर शीश नवाया और शंकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया। जानकारी के अनुसार सावन माह पूरी तरह भगवान शिव की आराधना करने के लिए समर्पित रहता है और इस माह में शिव पंचाक्षर मंत्र व गायत्री मंत्र का जाप अति फलदायक है। इस माह के सभी सोमवार भोलेनाथ की भक्ति, उपासना, जलाभिषेक के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं। इस माह में आने वाले सोमवार के व्रत साल भर में किए गए व्रतों के बराबर फल देते हैं। सावन माह में सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करने से प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है।  इस माह में भगवान भोले शंकर को दूध, दहीं, घी, , गंगाजल, बिल्वपत्र, आक, धतूरा आदि चढ़ाना चाहिए। इस माह में भगवान भोलेनाथ की सच्चे मन से आराधना की जाए, तो उसे मनवांछित फल प्राप्त होता है। प्रेम ज्योतिष संस्थान नालागढ़ के पंडित प्रेम शर्मा ने कहा कि उत्तरी भारत में संक्रांति के बाद सावन माह का आरंभ होता है। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को कल्कि जयंती को श्रावण मास संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि सावन माह में भगवान शिव की पूजा से मनवांछित फल प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि इस माहं भगवान भोले शंकर को दूध, दहीं, घी, मक्खन, गंगाजल, बेलपत्र, आक, धतूरा आदि चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इस माह में भगवान भोले नाथ की सच्चे मन से आराधना की जाए, तो उसे मनवांछित फल प्राप्त होता है।


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