शिवधाम पन्याला

By: Aug 11th, 2018 12:08 am

देवभूमि हिमाचल के जनपद बिलासपुर मुख्यालय से करीब सत्ताईस किमी. दूर घुमारवीं-सरकाघाट हाईवे पर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग शिवधाम अनायास ही धार्मिक पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। मंदिर के बारे में बाबा धर्मवीर जी का कहना है कि इस मंदिर का प्राचीन नाम कामदानाधेश्वर था, जो कालांतर में द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापना के उपरांत द्वादश ज्योतिर्लिंग शिवधाम प्रसिद्ध हो गया। वर्ष 1995-1997 में क्रमशः पुरातन मंदिर का जीर्णोद्धार व पिंडी स्थापना का श्रीगणेश किया गया। इसके उपरांत मंदिर सेवादल कमेटी ने श्रद्धालुओं के सहयोग से द्वादश ज्योतिर्लिंगों की विधिवत स्थापना की। मंदिर की समीपवर्ती पहाड़ी पर शिव पार्वती, गणेशजी की मूर्तियों की शोभा से दृश्य कैलाश पर्वत की तरह प्रतीत होता है। मंदिर प्रांगण में गणेश भगवान की भव्य प्रतिमा व हवन कुंड , रुद्राक्ष, बिल्ब, मोर पंखी आदि इसकी शोभा को चार चांद लगाते हैं।

श्रावण , नवरात्र, शिवरात्रि, गणेश चतुर्थी व विशेष  धार्मिक पर्वो पर यहां पर्यटकों का  सैलाब सा उमड़ पड़ता  है। देश के प्रसिद्ध कथावाचकों के मुखारबिंद से यहां भागवत कथा का भी विधिवत आयोजन होता रहता है। सुबह-शाम शिवधाम में भजन, आरतियों के मधुर स्वर से शांति महसूस की जा सकती है। लोकआस्था के अनुसार शिवलिंग साक्षात ब्रह्म का प्रतीक है जिसके स्पर्श मात्र से भौतिक, दैविक, आध्यात्मिक तापों की निवृति से जीवन मंगलमय होता है। प्रतिदिन मनोकामना पूर्ति हेतु श्रद्वालुगण द्वादश ज्योतिर्लिंग शिवधाम मंदिर पन्याला में पूजा अर्चना करते व रुद्राभिषेक करते अकसर देखे जा सकते हैं।                               -रवि कुमार सांख्यान, बिलासपुर


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