सतलुज नदी में लकड़ी पकड़ते वक्त गंवाई जान

By: Aug 19th, 2018 12:06 am

रामपुर बुशहर— रामपुर से 30 किलोमीटर दूर सिंगापुर में सतलुज नदी में दो व्यक्ति बह गए। दोनों व्यक्ति नदी में लकडि़यां पकड़ रहे थे, इसी दौरान हादसा हुआ। बारिश के कारण नदी का बहाव तेज था, इसलिए दोनों पानी से निकल नहीं पाए। बहे व्यक्तियों की पहचान 42 साल के चंद्रमोहन पुत्र बिशनदास और 33 साल के नरेश पुत्र हेमराज, निवासी नरोला के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक दोनों ने सतलुज के पानी में बहकर आ रहे लकड़ी के स्लीपर को पकड़ा और उसे किनारे पहुंचाने लगे। इसी बीच पीछे से एक और भारी लकड़ी आई और उन दोनों का संतुलन बिगड़ गया, दोनों को संभलने का मौका ही नहीं मिला और वे तेज बहाव में बह गए। नदी के किनारे पर खड़े लोग जब तक बचाव करते तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दोनों को उफनती सतलुज ने एकदम से अपने आगोश में ले लिया। थोड़ी दूर तक तो दोनों पानी के बीच छटपटाते रहे और एकाएक वे पानी में गुम हो गए। इसकी सूचना अन्य लोगों ने पुलिस को दी, जिसके बाद रामपुर से पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने मौके का जायजा लिया, लेकिन वहां पर बचाव कार्य करने का कोई फायदा नहीं था। खबर लिखे जाने तक दोनों का पता नहीं चल पाया था। बता दें कि सतलुज से लकड़ी इक्ट्ठी करने का जानलेवा कार्य काफी समय से चला आ रहा है। इस मुद्दे को ‘दिव्य हिमाचल’ ने प्रमुखता से उठाया था। साथ ही प्रशासन से यह मांग की थी कि इस तरह के कार्य को तुरंत रोका जाए। ऐसा न हो कि इस लकड़ी पकड़ने के चक्कर में कोई जान गवां बैठे। शनिवार को हुए इस हादसे ने यह अंदेशा सही साबित किया। रामपुर से लेकर लुहरी तक बड़ी संख्या में लकडि़यों को निकाला जा रहा है, जिस पर कोई रोक नहीं लग पाई है। अब जब दो व्यक्ति अपनी जान गवां बैठे है, तो अब प्रशासन सख्त कदम उठा सकता है।


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