हिमाचल के ज़ख्म…

By: Aug 14th, 2018 12:01 am

मूसलाधार बारिश और बादल फटने से हिमाचल की कमर टूट गई है। प्रदेश का कोई भी जिला मौसम के कहर से नहीं बच पाया है। नेशनल हाई-वे सहित कई संपर्क मार्ग जहां बदहाल हैं, वहीं नकदी फसलों सहित कई खेत व बागान नष्ट हो गए हैं। सबसे ज्यादा कहर मंडी-पठानकोट एनएच पर बरपा है, जहां कोटरूपी के पास 17 दिन से बंद एनएच भू-स्खलन और बाढ़ से नाले में तबदील हो गया है। इसी तरह मटौर-शिमला नेशनल हाई-वे भोटा व डिडवीं टिक्कर के बीच कुणाह पुल क्षतिग्रस्त होने से बंद हो गया है। यही आलम चंबा में भी है, बनीखेत के पास ल्हासा गिरने से चंबा-पठानकोट मार्ग ठप है, जबकि भरमौर सड़क भी कई जगह से अवरुद्ध हो गई है। इसके अलावा संपर्क मार्गों का भी बुरा हाल है। बाढ़ व लैंड स्लाइडिंग से कई कस्बे व गांव मुख्य मार्गों से कट गए हैं। कुल्लू के मणिकर्ण में बादल फटने से भुंतर बाजार जलमग्न हो गया है, जबकि कुल्लू-मनाई हाई-वे भी जगह-जगह भू-स्खलन से बंद है। औट के पास बनाला में बाढ़ से एनएच-21 क्षतिग्रस्त हो गया है। ऊपरी शिमला में भी यही हाल है, यहां नेरवा-चौपाल सड़क पर यातायात पूरी तर से ठप है, जबकि किन्नौर जिला में रिस्पा नाला में बाढ़ से होलडा नाला पर बना पुल बह गया है। नालागढ़ में मंडरयारपुर निक्कुलवाल पुल सरसा की लहरों में समा गया है, जबकि कंडाघाट में अश्वनी खड्ड में बाढ़ से साधुपुल के पास टूरिज्म कैफे जलमग्न हो गया है। कालका-शिमला रेल टै्रक पर जगह-जगह मलबा गिरने से सभी ट्रेंन रद्द कर दी गई हैं। सिरमौर जिला का हाल भी अलग नहीं। नाहन-पांवटा-कालाअंब एनएच भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसके अलावा कांगड़ा, चंबा, ऊना, शिमला व बिलासपुर जिला में भी कई संपर्क मार्ग बंद होने से जनजीवन पटरी से उतर गया है।


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