1965 की जंग के योद्धा को पंजाब-हिमाचल करेंगे याद

By: Aug 14th, 2018 12:09 am

 बिलासपुर —भारत-पाक की 1965 की जंग में दुश्मन के घातक टैंकों को बर्बाद कर शहादत का जाम पीने वाले मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित यूपी के अब्दुल हमीद को पंजाब राज्य के अलावा हिमाचल के पूर्व सैनिक भी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। नौ सितंबर को अमृतसर के जिला तरणताल में खेमकरण क्षेत्र के असल-उत्तर नामक जगह पर एक भव्य सैन्य समारोह का आयोजन होगा। हिमाचल प्रदेश के पूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष सूबेदार प्रकाशचंद सहित अन्य पदाधिकारी शिरकत करेंगे और पुष्पचक्र अर्पित कर एक सच्ची श्रद्धांजलि भी देंगे। रविवार को यहां बातचीत में सूबेदार प्रकाश चंद ने बताया कि जब सितंबर 1965 में मध्य रात्रि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था तो उस दौरान सेना की कंपनी के कोआर्टर मास्टर अब्दुल हमीद मोर्चा संभाले हुए थे। इस दौरान हमीद ने पाकिस्तान सेना के लगभग 100 टैंकों को भारत प्रवेश करते हुए देखा तो उन्होंने हमला रोकने के लिए अपनी टीम के साथ मोर्चा संभाला। इस बीच हमीद ने आरसीएल गन से पाकिस्तान के सबसे आगे चल रहे तीन टैंकों को बर्बाद कर दिया और 15 से 20 पाक सैनिकों को मार गिराया। इसके साथ ही जिस चीम्मा गांव पर पाक सैनिकों ने हमला किया था, जिसे हमीद ने अपनी बुद्धिमता एवं वीरता का परिचय देते हुए हमलामुक्त करने में मुख्य भूमिका निभाई, लेकिन इसी दौरान पाक सैनिकों से लड़ते-लड़ते एक टैंक ने अब्दुल हमीद की आरसीएल गन को निशाना बनाते हुए गोला दाग दिया, जिसमें वीर सैनिक अब्दुल हमीद अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। इन पर हर देशवासी को फक्र है, क्योंकि उन्होंने देश में घुसे पाक सेना के 100 टैंकों को अकेले ही रोक लिया और तीन टैंकों को बर्बाद कर दिए जाने से दुश्मन के कदम वहीं के वहीं रुक गए थे और यह जंग 23 सितंबर को खत्म भी हो गई थी। इस युद्ध में भारतीय सेना की जीत हुई थी। हमीद को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। सूबेदार प्रकाश चंद ने बताया कि इस बहादुर शहीद की याद में हर साल नौ सितंबर को एक सैन्य सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें न केवल पंजाब बल्कि हिमाचल से भी पूर्व सैनिक समिति इस समारोह में शिरकत कर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करती है। इस बार भी तय शेड्यूल के तहत होने वाले समारोह में प्रदेश के पूर्व सैनिक अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

गिनीज ऑफ वर्ल्ड बुक में दर्ज है नाम

खास बात यह है कि हमीद का नाम गिनीज ऑफ द वर्ल्ड बुक में शामिल किया गया है, क्योंकि दुश्मन के सौ टैंकों को देश की सीमा में घुसने से रोकने के लिए इस वीर सैनिक अपनी जान की परवाह किए बगैर आरसीएल गन से धड़ाधड़ फायरिंग कर दुश्मन के तीन टैंकों को बर्बाद कर दिया था, जिससे दुश्मन की सारी रणनीति फेल हो गई थी।

पिछले साल पूर्व सैनिकों ने कराया था समारोह

सूबेदार प्रकाश चंद के अनुसार पिछले साल 22 मई को हिमाचल पूर्व सैनिक कल्याण समिति की ओर से जिला तरणताल में खेमकरण क्षेत्र के असल-उत्तर नामक जगह पर एक समारोह आयोजित किया गया था। इसमें विशेष तौर पर वीर अब्दुल हमीद की धर्मपत्नी रसलून बीबी को आमंत्रित किया गया था। समारोह के आयोजन के लिए बाकायदा सेनाध्यक्ष को पत्र लिखा गया था। इस समारोह में लगभग पांच हजार सैनिकों व पूर्व सैनिकों ने अब्दुल हमीद की धर्मपत्नी का स्वागत कर वीर को याद किया था।

 


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