किसानों को सोना, कारोबारियों की चांदी
बारिश-बर्फबारी से सूखी खेतों में आई जान, बीजी फसलों को मिल गई नमी
शिमला —हिमाचल प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों के किसानों के लिए इस बार की यह बारिश और बर्फबारी सोने की तरह साबित हुई है। सूखे खेतों में बिजाई गई फसलों को बारिश ने अपनी नमी देकर पौधों की जड़ों को सांसें प्रदान की हैं। खासतौर पर यह बारिश उन किसानों के लिए और भी राहत लाई है, जिन्होंने इस मौसम में होने वाली सीजन की सब्जियां उगाई हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यह बर्फबारी निचले क्षेत्रों में उगाई जाने वाली लिची, मूली, शलगम, धनीया, सरसों के लिए काफी लाभदायक है। इसके अलावा आड़ू, पलम, अनार, प्याज, लहुसन के लिए भी सीजन की यह बारिश-बर्फबारी काफी फायदेमंद साबित हुई है। खास बात यह है कि प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में लंबे समय से मौसम की बेरुखी की वजह से गाय के लिए चारा देने वाले पौधे भी सूखे पडे़ थे, ऐसे में बारिश से अब उनमें भी दूसरी बार जान आ गई है। किसानों के अनुसार कुछ दिन के बाद पौधों में हरियाली आने के बाद गाय को हरा चारा देना भी आसान हो जाएगा। किसानों के अनुसार गाय के लिए चारे के लिए खेतों में उगाए जाने वाले जेई के पौधों को यह बारिश काफी अच्छी है। कई दिन से आसमां से अंबर न बरसने की वजह से मैदानी क्षेत्रों के किसानों के चेहरे मायूस हो गए थे। किसानों को डर सताने लगा था कि इस वर्ष भी समय पर अंबर के न बरसने से उन्हें खासा नुकसान झेलना पड़ेगा। वहीं, अब जब दो-तीन दिन से मौसम ने जिस तरह से करवट बदली है, तो उससे मैदानी क्षेत्रों के किसानों को बारिश की एक-एक बूंद सोने पर सुहागा साबित हो रही है।
पिछले साल बेरुखी से हुआ था नुकसान
पिछले साल भी दिसंबर में बारिश न होने की वजह से किसानों को खासा नुकसान हुआ था। गेहूं, जौं की उगाई करने के बाद बारिश न होने से उनकी सारी फसलें खराब हो गई थीं। इस बार अधिकतर क्षेत्रों में किसानों ने गेहूं और जौं की बिजाई पहले ही कर दी थी। किसानों को उम्मीद नहीं थी कि इंद्रदेव की मेहरबानी उन पर इतनी जल्दी हो जाएगी।
जो किसान रह गए हैं बिजाई शुरू कर दें
कृषि विभाग के निदेशक देशराज का कहना है कि मैदानी क्षेत्रों के उन किसानों को सलाह है, कि जिन्होंने अभी तक बिजाई शुरू नहीं की है। खेतों में हुई यह नमी बहुत ही लाभदायक है। जो किसान इस मौसम में उगाई गई फसलों को किसी कारणवश नहीं उगा पाए हैं, वे जल्द बिजाई का काम शुरू कर दें।
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