पिच पर ज्यादा, आउटफील्ड पर कम हो घास

By: Oct 31st, 2019 12:08 am

डे-नाइट दलीप ट्रॉफी मुकाबलों की विकेट तैयार करने वाले क्यूरेटर दलजीत की कोलकाता टेस्ट के लिए सलाह

नई दिल्ली –बीसीसीआई के पूर्व मुख्य क्यूरेटर दलजीत सिंह ने अगले महीने भारत में होने वाले पहले दिन रात्रि टेस्ट मैच के दौरान विकेट पर अधिक घास रखने और औस से बचने के लिए आउटफील्ड पर कम घास रखने की सलाह दी है।  बीसीसीआई और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने ईडन गार्डंस में 22 नवंबर से शुरू होने वाले टेस्ट मैच को गुलाबी गेंद से खेलने पर सहमति जताई है। इस दिन रात्रि टेस्ट मैच की तैयारियों में हालांकि बहुत कम समय बचा है। बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) को हालांकि गुलाबी गेंद से मैचों के आयोजन का अनुभव है। भारतीय क्रिकेट में 22 साल तक सेवा देने के बाद बीसीसीआई के मुख्य क्यूरेटर पद से पिछले महीने सेवानिवत्त होने वाले दलजीत ने कहा कि औस मुख्य चिंता होगी। इसमें कोई संदेह नहीं। उन्हें समझना होगा कि आप इससे बच नहीं सकते हो। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए आउटफील्ड में घास कम रखनी होगी और पिच पर आम घास से अधिक लंबी घास रखनी पड़ेगी। आउटफील्ड में जितनी अधिक घास होगी, औस की परेशानी उतनी ज्यादा होगी। इस मैच के दोपहर बाद एक बजकर 30 मिनट से शुरू होने की संभावना है और  खेल रात आठ बजकर 30 मिनट तक चल सकता है।  दलजीत का मानना है कि गुलाबी गेंद की चमक लंबे समय तक बनाए रखने के लिए पिच पर अधिक घास रखनी होगी। उन्होंने और उनकी टीम ने 2016 में दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट के दौरान ऐसा किया था, जब मैच ग्रेटर नोएडा में दूधिया रोशनी में खेले गए थे। उन्होंने कहा कि गुलाबी गेंद जल्दी गंदी हो जाती है और इसलिए उन्हें पिच पर अधिक घास रखनी होगी। आपको याद होगा जबकि एडीलेड में (2017 में)  पहला दिन रात्रि टेस्ट मैच खेला  गया था, तो उन्होंने पिच पर 11 मिमी घास रखी थी। आपको इतनी घास को तैयार करना होगा।

बीसीसीआई ने मंगवाई 72 गुलाबी गेंदें

नई दिल्ली। बीसीसीआई ने एसजी कंपनी से 72 गुलाबी गेंदें मंगवाई है, जो 22 नवंबर से ईडन गार्डंस पर होने वाले डे-नाइट टेस्ट मैच में इस्तेमाल की जाएंगी। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इसकी पुष्टि की है कि इस मैच में एसजी गुलाबी गेंदें इस्तेमाल की जाएंगी। दूधिया रोशनी में खेले जाने वाले टेस्ट के लिए फिट गेंदें देना बड़ी चुनौती है। एसजी गुलाबी गेंद का अभी प्रतिस्पर्धी मैच में इस्तेमाल नहीं किया गया है। दलीप ट्रॉफी कूकाबूरा गुलाबी गेंद से लगातार तीन सत्र खेली गई। इसके बाद बीसीसीआई ने पिछले साल लाल गेंद का रुख किया। कंपनी के विक्रय और विपणन निदेशक पारस आनंद ने कहा कि बीसीसीआई ने छह दर्जन गुलाबी गेंद मंगवाई है, जो हम अगले सप्ताह तक दे देंगे।


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