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उपाध्याय जीवन पर्यंत हमारे संविधान के आलोचक रहे। वर्ष 1965 में उन्होंने अपने ‘एकात्म मानववाद’ (Integral Humanism) के सिद्धांतों के तहत इसे बदलने की अपनी योजना प्रस्तुत की। एक नए भारत, ‘धर्म राज्य’ के विषय में उनके विचार भाजपा द्वारा इसके आधिकारिक दर्शन के तौर पर अंगीकृत कर लिए गए। आज दिन तक पार्टी उपाध्याय

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं अंगे्रजी में ‘दि क्विंट’ में प्रकाशित (22 मार्च, 2018) फॉलो करें : twitter@BhanuDhamija समय आ गया है कि हम भारतीय अपनी सरकार की प्रणाली पर एक कठोर नई दृष्टि डालें। सिद्धांतों में कमजोर और हमारी आवश्यकताओं के विपरीत

हिंदू राष्ट्र व अखंड भारत, दोनों अभियान असफल होने की आशंका है। अखंड भारत का पुनर्निर्माण पहुंच से परे, और हिंदू राष्ट्र अंततः आत्मघाती लगता है। एक वृहद् भारत के निर्माण की अभिलाषा सफल होने के यदि अवसर हैं तो वे समान विचार वाले देशों का एक संघ, भारत महासंघ, बनाकर यथार्थ किए जा सकते हैं...

भारतीय न्यायपालिका ने अत्यधिक मामलों में न्याय न देकर, लटकाकर, या आधा-अधूरा काम कर अन्याय किया है। इसके प्रदर्शन के कुछ मापदंडों पर विचार करें। भारतीय अदालतों में दो करोड़ बीस लाख से अधिक केस लंबित हैं। जिनमें से 60 लाख पांच वर्ष से ज्यादा समय से लटके हैं।

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं किसी देश के संविधान का प्राथमिक उद्देश्य एक उत्तरदायी सरकार की स्थापना है। ऐसा अकसर शासन की स्वतंत्र संस्थाओं की स्थापना कर, उन्हें सु-परिभाषित जिम्मेदारियां सौंप, विशिष्ट शक्तियां देकर, और उन्हें जनता के प्रति जवाबदेह बनाकर किया जाता

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं मूल ढांचा सिद्धांत पर आम सहमति नहीं है। डा. सुभाष कश्यप लिखते हैं कि ‘‘संविधान की सभी विशेषताओं को निर्धारित करने वाला ऐसा कोई बहुमत का निर्णय उपलब्ध नहीं है, जिसे आधारभूत माना जा सके।’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ यहां

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं संविधान के कार्यचालन की समीक्षा को गठित राष्ट्रीय आयोग द्वारा किया गया अंतिम पुनर्मूल्यांकन शुरुआत से ही राजनीति का शिकार हो गया था। आयोग ने कटु समीक्षाएं और दूरगामी सिफारिशें प्रस्तुत कीं, परंतु इसकी रिपोर्ट दफन कर दी

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं विश्व गुरु बनने से सभी भारतीय गौरवान्वित होंगे। हम सभी उन दिनों के वैभव को तरसते हैं जब हमारे लोग विचार के शिखर पर जा पहुंचे थे, दिव्यता की महान समझ प्राप्त की थी, और जीवनयापन के उत्कृष्ट