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कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीडऩ के संरक्षण अधिनियम 2013 का ज्ञान बालिकाओं को यौन शिक्षा द्वारा प्राप्त होगा तो वे छेड़छाड़, दुष्कर्म, शरीर स्पर्श, अश्लील इशारों का प्रतिरोध कर सकेंगी। कुल मिला कर सही तरीके से यौन शिक्षा के मुद्दे पर गहन विचार की जरूरत है। चाहे हमारे सांस्कृतिक मूल्य इसके साथ तालमेल नहीं बिठाते,

यदि नारी को अपने हिस्से की धूप चाहिए, अपने हिस्से का आसमां चाहिए, अपने हिस्से का जहां चाहिए, तो उसे हिसारों से बाहर आना होगा। जिस नारी के आंचल में दूध है, उसकी आंखों में आखिर पानी क्यों? पापा के आंगन की मल्लिका आखिर मर्द की दासी कैसे बन जाती है? मर्द द्वारा दिए गए

पाकिस्तान के लोगों को समझना होगा कि सरकारों के बदलने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। पाकिस्तान को बचाने का एक ही रास्ता है कि वह अपनी नीतियों को ठीक करे, अपने वित्तीय अनुशासन को सम्भाले, प्रतिरक्षा पर फिजूलखर्ची से बचे, अपने उद्योगों को बचाने की तरफ ध्यान दे, चीन के चंगुल से जल्द

मिसाइलमैन डा. अब्दुल कलाम की प्रमुख शिष्या रहीं डा. थॉमस को भी इस परीक्षण के बाद ‘मिसाइल वुमन’ अथवा ‘अग्नि-पुत्री’ नामों से संबोधित किया जाने लगा है। मिसाइल कार्यक्रम का संपूर्ण नेतृत्व संभालने वाली वे देश की पहली महिला वैज्ञानिक बन गई हैं। वर्तमान में भी महिलाएं कई उच्च पदों पर आसीन हो देश की

जिस तरह पिछले वर्ष 2022 में गम्बिया और उज्बेकिस्तान में भारतीय फार्मा कंपनियां सवालों के घेरे में आई, वैसी स्थिति भविष्य में न बने, इसका हरसंभव तरीके से ध्यान रखना होगा। उम्मीद है फार्मा सेक्टर 2030 तक करीब 130 अरब डालर और 2047 तक करीब 450 अरब डालर की ऊंचाई पर दिखाई दे सकेगा… यकीनन

प्रत्येक पुरुष को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए महिलाओं के उत्थान व विकास में अपनी भूमिका सिद्ध करनी चाहिए तथा अपना शत-प्रतिशत योगदान महिलाओं के विकास व उत्थान में देना चाहिए ताकि महिलाएं अकेला महसूस न करें… भारत एक ऐसा देश है जहां देश की भूमि की कल्पना ही एक नारी अर्थात भारत मां के रूप

आज का विद्यार्थी फिटनेस व मनोरंजन के नाम पर दूरसंचार माध्यमों का कमरे में बैठ कर खूब दुरुपयोग कर रहा है। ऐसे में विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास की बात मजाक लगती है। आज के विद्यार्थी के लिए विद्यालय या घर पर आधे घंटे के फिटनेस कार्यक्रम की सख्त जरूरत है। इसमें 15 से 20 मिनट

आम आदमी पार्टी का कष्ट ईमानदारी का मुलम्मा उतर जाने का है और सोनिया कांग्रेस का कष्ट तमाम प्रयासों के बावजूद राहुल गांधी की मैच्योर व्यक्ति की छवि न बन पाना है। उनको पार्टी के सलाहकारों ने अडानी का झुनझुना दे दिया कि इसे बजाते रहो, इससे लोग भाजपा के खिलाफ हो जाएंगे। पिछली बार

खुशी के बिना सफलता अधूरी ही नहीं, अर्थहीन है क्योंकि हमने सफल माने जाने वाले लोगों को, अमीर लोगों को, शक्तिशाली और समर्थवान लोगों को भी आत्महत्याएं करते हुए देखा है। अपने आप में ही सीमित हो जाने वाले लोग अकेले पड़ जाते हैं, पैसा और साधन होने के बावजूद किसी को अपना दुख बता